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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिये हम प्रतिबद्ध हैं: कॉमरेड डी.राजा

इंकलाबी उद्घोष के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 24 वाँ महाधिवेशन प्रारंभ

विजयवाड़ा (पब्लिक फोरम)। आंध्रप्रदेश के ऐतिहासिक शहर विजयवाड़ा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 24 वाँ महाधिवेशन आज महासचिव कॉमरेड डी राजा द्वारा औपचारिक उद्धघाटन के साथ भव्य रूप से आरंभ हुआ। उद्धघाटन के पूर्व राष्ट्रीय ध्वज को 102 वर्षीय कॉमरेड आर. नल्लाकन्नू एवं पार्टी ध्वज को पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड सुधाकर रेड्डी द्वारा फहराया गया। बुजुर्ग कॉमरेड ई नागेश्वर राव द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महाधिवेशन की अध्यक्षता एक 9 सदस्यीय अध्यक्षमण्डल द्वारा की जा रही है जिसमे एटक के अध्यक्ष रामेन्द्र कुमार, निशा सिद्धु, मनीष कुंजाम, रामकृष्ण पांडा, कवासी और पार्टी के युवा सांसद संदोष कुमार आदि शामिल हैं।

उद्घाटन सत्र में देश भर के राज्य सम्मेलनों से विधिवत निर्वाचित होकर आए प्रतिनिधियों एवं विश्व के 21 देशों की कम्युनिस्ट पार्टियों के प्रतिनिधियों का औपचारिक स्वागत आयोजन समिति के अध्यक्ष कॉमरेड के. नारायणा ने किया। इस अवसर पर उन्होंने विजयवाड़ा की ऐतिहासिक और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए बताया कि देश के पहले आम चुनाव में यहाँ से सीपीआई के समर्थन से हीरेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय लोकसभा चुनाव में विजयी हुए थे।

यह महाधिवेशन देश की चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बारे में विचार कर भविष्य का रास्ता प्रशस्त करेगा। पार्टी काँग्रेस का उद्घाटन करते हुए महासचिव कॉमरेड डी. राजा ने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता सम्पूर्ण मानवता के उज्ज्वल भविष्य के प्रति है। उन्होंने तेलंगाना के ऐतिहासिक संघर्ष को याद करते हुए उन कुर्बानियों का उल्लेख किया जो कम्युनिस्ट पार्टी के साथियों ने भूमि के सवाल पर दी थीं। भाषायी आधार पर आंध्रप्रदेश आदि राज्यों के गठन में सीपीआई की भूमिका को भी उन्होंने रेखांकित किया। उन्होंने रवि नारायण रेड्डी, पी वासवपुनैया, पी वेंकटेश्वर राव और नीलम राजशेखर रेड्डी आदि कॉमरेडों के महान जीवन संघर्ष को भी याद किया।

कॉमरेड राजा ने पूरी दुनिया में नव साम्राज्यवाद और वित्तीय पूंजीवाद के खिलाफ उभर रहे जन संघर्षो का उल्लेख करते हुए फिलिस्तीन, क्यूबा, लैटिन अमेरिका की जनता सहित तमाम प्रगतिशील ताकतों का अभिनंदन किया। उन्होंने महान क्रांतिकारी चे ग्वेरा को उध्दृत करते हुए कहा कि यदि आप अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं तो आप मेरे कॉमरेड हैं।

कॉमरेड राजा ने चेताया कि आज हमारा लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा-आरएसएस गठजोड़ ने अम्बानी-अडानी ब्रांड के नए पूंजीवाद को आगे बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के योजनाबद्ध कुप्रबंधन और निजीकरण का सहारा लिया है। वे इसके साथ ही समाज को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित भी कर रहे हैं। यह सही है कि हमारे प्रधानमंत्री दिन और रात काम करते हैं परन्तु वे दिन रात देश के संसाधन कॉर्पिरेट्स के हाथ मे देने के लिये ही सोचते रहते हैं।

कॉमरेड राजा ने कहा कि आरएसएस का हमला भारत के विचार पर ही है। इसलिये आज अल्पसंख्यकों के अलावा दलितों और आदिवासियों पर हमले और उनके साथ किया जाने वाला संस्थागत अन्याय अपने चरम पर है।
हमे याद रखना चाहिए कि भारतीय समाज सिर्फ वर्गों में नही बल्कि जातियों में भी विभाजित है। इसलिये जाति के उच्छेद के बिना कोई इंकलाबी रणनीति हमारे यहाँ नही बनाई जा सकती। इसलिये हमे वर्गीय, जातिवादी विभाजन और पितृसत्ता के खिलाफ एक साथ संघर्ष करने की जरूरत है।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि देश की युवा पीढ़ी आज अवसाद में जा रही है और उसके पास कोई उज्ज्वल भविष्य का सपना नही है। हमे उनके साथ खड़े होने और सामाजिक एकजुटता की जरूरत है। आज हमें कबीर, रैदास, पेरियार, नारायण गुरु, ज्योतिबा-सावित्रीबाई फुले और डॉ आंबेडकर को फिर से समझने और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। आरएसएस और भाजपा यदि नफरत फैला रहे है तो हमें एकता का प्रसार करना होगा। उन्होंने वाम-जनवादी एकता की जरूरत को समझाते हए कहा कि हम भारत मे कम्युनिस्ट आंदोलन के पुनरेकीकरंण हेतु प्रतिबद्ध हैं। हम सबको मिलकर हमारे लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई लड़नी है।

सीपीआई के महाधिवेशन को अपनी बिरादराना शुभकामनाएं देते हुए सीपीएम के महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी ने कहा कि देश की बेहतरी हम सबकी संयुक्त आकांक्षा है। पिछले सात दशक की सबसे बड़ी चुनौती आज देश के सामने है। भारत के संविधान पर हमला किया जा रहा है। एक फासीवादी मुल्क बनाने की कोशिश की जा रही है। लोगों के नागरिक अधिकार कुचले जा रहे हैं। असहमति को देशद्रोह की संज्ञा की जा रही है। इन दिनों राज्यपाल केंद्र के मोहरों में बदल गए हैं। प्रत्येक संवैधानिक निकाय की गरिमा का हनन किया जा रहा है। उन्होंने विगत तीन वर्षों में हुए नागरिकता आंदोलन, किसान आंदोलन और मजदूरों के आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि यह साझे आंदोलनों की बुनियाद है। इन संघर्षों की एकता को हमे कायम रखना है।

सीपीआई एमएल के महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने सीपीआई के शहीद क्रांतिकारियों को सलाम पेश करते हुए विश्वशांति की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्षमुक्त भारत बनाने के लिये काम कर रही है। संविधान के अंतर्गत काम करने पर भी लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। हमे अपने संवैधानिक वायदों को पूरा करने के लिये एकजुटता की जरूरत है।

आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के सचिव कॉमरेड जी वरदराजन ने लोकतांत्रिक परंपराओं को बचाने की जरूरत पेश की। ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि सरकार का मलतब ही देश है। उन्होंने जनसंगठनों की एकजुटता पर जोर दिया।
उद्घाटन सत्र के उपरांत पार्टी महासचिव कॉमरेड डी राजा ने राजनीतिक प्रस्ताव महाधिवेशन के विचारार्थ प्रस्तुत किया।

कॉमरेड अतुल कुमार अंजान ने संगठन संबंधी प्रस्ताव और कॉमरेड भालचंद्र कांगों ने राजनीतिक समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन प्रस्तावों पर महाधिवेशन में शामिल प्रतिनिधि विचार करेंगे और पारित करेंगे। महाधिवेशन में इप्टा एवम अन्य सांस्कृतिक संगठनों द्वारा इंकलाबी जनगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

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