कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालको टाउनशिप एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। वेदांता प्रबंधन की श्रमिक और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आज सुबह 8:30 बजे से बालको परिवार के सभी संगठनों और कर्मचारियों ने एक ऐतिहासिक संयुक्त धरना प्रदर्शन का आह्वान किया है। यह आंदोलन “बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति” के तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।
इस संघर्ष को लेकर बालको परिसर में अभूतपूर्व एकजुटता और उत्साह का वातावरण है। कर्मचारी, अधिकारी, ठेका श्रमिक, व्यापारी और सामाजिक संगठन – सभी ने इस आंदोलन को जनआंदोलन के रूप में स्वीकार किया है।
श्रमिकों का संकल्प – अब मौन नहीं, संघर्ष होगा
वेदांता प्रबंधन के कथित एकतरफा और अन्यायपूर्ण निर्णयों ने बालको परिवार के हजारों कर्मचारियों की आजीविका, सम्मान और सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।
धरना आयोजकों का कहना है कि— “अब मौन रहना पराजय होगी, चुप रहना अन्याय को स्वीकार करना होगा।”
इसी भावना के साथ बालको परिवार के सदस्य आज सड़कों पर उतर रहे हैं। आंदोलन के केंद्र में हैं — रोजी-रोटी की रक्षा, रोजगार की सुरक्षा, सम्मान की बहाली और अधिकारों की पुनर्स्थापना।
संघर्ष के मूल में है अस्मिता और अधिकारों की पुकार
धरना प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि अस्मिता और स्वाभिमान की लड़ाई है।
संघर्ष समिति के संयोजकों ने कहा कि बालको के श्रमिकों ने अपने परिश्रम से इस उद्योग को खड़ा किया, लेकिन आज वही श्रमिक असुरक्षा और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
“यह संघर्ष बालको नामक एक औद्योगिक सिस्टम बचाने का है – यह केवल एक उद्योग नहीं, बल्कि उन लोगों का जो इसे अपने खून-पसीने से सींचते आए हैं।”

एकता ही शक्ति, सामूहिकता ही विजय
बालको के श्रमिकों और संगठनों ने इस धरने को “जनशक्ति का प्रदर्शन” बताया है। संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि जब श्रमिक एकजुट होते हैं तो अन्याय की दीवारें ढह जाती हैं। धरने में सभी यूनियनें, कर्मचारी संगठन, सेवानिवृत्त कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। “आपकी उपस्थिति ही हमारी ताकत है, आपकी भागीदारी ही हमारा हथियार है।”
धरना स्थल पर सुरक्षा और अनुशासन की विशेष व्यवस्था
सेक्टर-4 स्थित नगर प्रशासन प्रवेश द्वार पर होने वाले इस धरने के लिए विस्तृत तैयारी की गई है।
कार्यक्रम के दौरान शांति, अनुशासन और सौहार्द बनाए रखने की अपील की गई है।
आयोजक मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण रहेगा।
आंदोलन का संदेश – न्याय और सम्मान की नई शुरुआत
धरने से पहले जारी अपील में कहा गया है कि यह केवल एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि बालको की आत्मा और श्रम के सम्मान की पुकार है।
आयोजकों ने कहा कि यह संघर्ष न किसी व्यक्ति के खिलाफ है, न किसी पद के — बल्कि व्यवस्था में न्याय की पुनर्स्थापना के लिए है। “जो लड़ता है वो हार भी सकता है, लेकिन जो लड़ता ही नहीं — वो पहले ही हार चुका होता है।”
अंतिम आह्वान – अब बालको के हर घर से उठेगी आवाज़
“बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति” ने सभी कर्मचारियों, परिवारजनों और नागरिकों से अपील की है कि वे सुबह 8:30 बजे सेक्टर-4 टाउनशिप के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुँचें और अपने अधिकारों की इस निर्णायक लड़ाई में हिस्सा लें।
यह आंदोलन केवल बालको की सीमा तक सीमित नहीं – बल्कि यह संदेश है कि श्रम की ताकत को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
स्थान: बालको टाउनशिप सेक्टर 4, नगर प्रशासन प्रवेश द्वार
दिनांक: (गुरुवार) 30 अक्टूबर 2025
समय: सुबह 8:30 बजे से
“संगठन में शक्ति है, एकता में विजय है!”






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