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गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
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खनन प्रभावित गांवों में जल संकट: बांकी बस्ती, पुरैना, मड़वाढोंढ़ा में पानी के लिए ग्रामीणों का आक्रोश; चक्का जाम!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित गांवों बांकी बस्ती, मड़वाढोढा और पुरैना में जल आपूर्ति बंद होने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में चक्काजाम किया। यह चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ और अभी भी जारी है। इसके कारण दोनों ओर ट्रकों की लंबी लाइनें लग गईं, जिससे एसईसीएल प्रबंधन को माकपा और ग्रामीणों से बातचीत के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, वार्ता विफल रही। मौके पर कटघोरा के नायब तहसीलदार और बांकीमोंगरा थाना प्रभारी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।

खनन के कारण जल स्तर में गिरावट आई है, जिससे पीने, निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी की कमी हो गई है। एसईसीएल, जो अब तक इन गांवों को पानी उपलब्ध कराता था, ने बांकी खदान बंद होने के बाद जल आपूर्ति बंद कर दी है। इससे ग्रामीणों की दैनिक दिनचर्या और कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। माकपा ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जल समस्या का समाधान नहीं होने पर चक्काजाम किया जाएगा, लेकिन एसईसीएल ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से मुकर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि जब तक पानी की आपूर्ति नहीं होगी, कोल परिवहन ठप रहेगा।
माकपा ने आरोप लगाया कि एसईसीएल ग्रामीणों को नगर निगम का पानी खरीदने पर मजबूर कर रहा है और खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति पुनः शुरू करने की मांग की है।
प्रमुख मांगे:
1. बांकी बस्ती और पुरैना गांव में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति पुनः चालू की जाए।
2. बांकी बस्ती, मड़वाढोढा, और पुरैना के तालाबों को खदान से पाइपलाइन के माध्यम से साल भर भरने की व्यवस्था की जाए।
3. अधिक जलस्तर वाले क्षेत्रों में बोरहोल कर मोटर पंप लगाकर तालाबों और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाए।
4. प्रभावित ग्रामों में बोरहोल में सबमर्सिबल पंप लगाकर पेयजल आपूर्ति की जाए।इस आंदोलन में बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं शामिल हुईं। प्रमुख रूप से किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर, शिवरतन कंवर, देव कुंवर, सुक्रिता, मोहपाल सिंह, जीर्बोधन, श्रवण दास, बजरंग दास, शिवपाल, भरत सिंह, किसन चंटू, इंद्र कुंवर, साधना बाई, गवन बाई, श्याम बाई, प्रमिला महंत, रमा देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 

इस आंदोलन में बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं शामिल हुईं। प्रमुख रूप से किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर, शिवरतन कंवर, देव कुंवर, सुक्रिता, मोहपाल सिंह, जीर्बोधन, श्रवण दास, बजरंग दास, शिवपाल, भरत सिंह, किसन चंटू, इंद्र कुंवर, साधना बाई, गवन बाई, श्याम बाई, प्रमिला महंत, रमा देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 

देर रात तक 11 घंटे चक्का जाम करने के बाद, एसडीएम कार्यालय में 13 जून को इस संबंध में विपक्षीय बैठक करने तथा एसईसीएल के द्वारा बांकी बस्ती में तत्काल पानी की व्यवस्था करने का आश्वासन के बाद चक्का जाम आन्दोलन समाप्त कर दिया गया।

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