बुधवार, नवम्बर 26, 2025
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बालको नगर में संविधान सुरक्षा दिवस पर चेतावनी धरना: आरक्षण उल्लंघन, भूमि कब्जा और दिव्यांग अधिकारों पर मूलनिवासी मोर्चा का बड़ा आंदोलन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। भारत के संविधान सुरक्षा दिवस (26 नवंबर) पर बालको नगर एक बड़े सामाजिक राजनीतिक आंदोलन का केंद्र बनने जा रहा है। मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा ने बताया कि वेदांता-भारत एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड द्वारा आरक्षण नियमों के उल्लंघन, भूमि कब्जे, पूर्व कर्मचारियों के प्रति अन्याय और दिव्यांगों की उपेक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर एक दिवसीय चेतावनी धरना आयोजित किया जाएगा। इस आंदोलन का उद्देश्य स्थानीय समुदायों- विशेषकर आदिवासी, भू-विस्थापित, गरीब और दिव्यांग नागरिकों- के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा को राष्ट्रीय मंच पर उठाना है।

आरक्षण उल्लंघन से लेकर भूमि कब्जे तक- पाँच सूत्रीय मांगों पर आंदोलन

मोर्चा के अध्यक्ष गोपाल ऋषिकर भारती की अध्यक्षता में 23 नवंबर को बालको नगर स्थित मोर्चा कार्यालय में हुई विशेष बैठक में आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में बताया गया कि वेदांता द्वारा- सरकारी और संवैधानिक आरक्षण नियमों का पालन किए बिना अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्ती, सैकड़ों एकड़ आदिवासी और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर परियोजनाएं स्थापित करना, पूर्व कर्मचारियों और उनके परिवारों को बकाया भुगतान किए बिना उत्पीड़नपूर्ण कार्रवाई करना, स्थानीय समाज के हितों के विपरीत निर्णय लेना, दिव्यांगों के लिए आवश्यक कल्याणकारी नीतियों की अनदेखी करना, जैसे मुद्दों को लेकर व्यापक असंतोष व्याप्त है। इन्हीं शिकायतों को पाँच सूत्रीय मांगों के रूप में धरना स्थल पर मजबूती से रखा जाएगा।

चेतावनी धरना सभा की अध्यक्षता सारंगढ़ के पूर्व बसपा विधायक एवं राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ. छबिलाल रात्रे करेंगे।
वहीं प्रमुख अतिथियों के रूप में—छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर, क्षेत्रीय विधायक फूलसिंह राठिया, को आमंत्रित किया गया है। इन नेताओं की उपस्थिति से आंदोलन को राजनीतिक समर्थन और सामाजिक विश्वसनीयता दोनों मिलने की संभावना है।

बैठक में दिव्यांग अधिकारों पर विशेष चर्चा हुई। कार्यकर्ताओं ने दिवंगत दिव्यांग युवा नेता जितेंद्र कुमार साव के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा कि— “दिव्यांगों और बेरोजगार युवाओं की लड़ाई दिल्ली तक लड़ने वाले जितेंद्र साव की स्मृति में 100 करोड़ रुपये का संस्थान स्थापित किया जाए।”

यह मांग न केवल एक सम्मान का प्रतीक है, बल्कि भविष्य में दिव्यांगों के लिए प्रशिक्षण, रोजगार और अधिकार संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी है।

संविधान सम्मान से शुरुआत, बालको गेट पर होगा चेतावनी धरना

कार्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार- प्रातः 9 बजे — मोर्चा कार्यालय प्रांगण में संविधान सम्मान कार्यक्रम, 11 बजे — बालको गेट के सामने चेतावनी धरना आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने स्पष्ट कहा कि यह संघर्ष लोकतांत्रिक मर्यादाओं के भीतर, शांतिपूर्वक और संवैधानिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा।

मोर्चा के पदाधिकारियों ने लिया आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प

बैठक में मोर्चा के शीर्ष पदाधिकारी-गोपाल ऋषिकर भारती, सुनील सुना, क्रांति कुमार साव, संतोष खूंटे, प्यारेदास महंत, निर्मलचंद्र कसार, रूपा महिलांगे, तारा सोनी, संतोष बंजारे, बलजीत कौर, प्रदीप राठौर, शिवकुमारी महंत—
सहित अनेक सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

सभी ने संयुक्त रूप से घोषणा की कि- “संविधान सुरक्षा दिवस पर हम अपने अधिकार, सम्मान और न्याय की लड़ाई को मजबूत स्वर देंगे- यह संघर्ष समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए है।”

बालकोनगर का यह आंदोलन केवल एक स्थानीय विरोध नहीं, बल्कि आरक्षण, भूमि अधिकार, श्रमिक सम्मान और दिव्यांग न्याय के व्यापक प्रश्नों को राष्ट्रीय विमर्श में रखने का प्रयास है।
संविधान सुरक्षा दिवस पर आयोजित यह चेतावनी धरना याद दिलाता है कि जब भी नागरिकों के मौलिक अधिकार खतरे में हों, लोकतांत्रिक संघर्ष ही सबसे प्रभावी रास्ता होता है।

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