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सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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कोरबा में लड़कियों की गुमशुदगी पर विश्व हिंदू परिषद ने उठाए गंभीर सवाल: लव जिहाद और धर्मांतरण पर जताई चिंता, सख्त कानून की मांग

कोरबा (पब्लिक फोरम)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कोरबा सहित पूरे प्रदेश में हिंदू युवतियों के लापता होने की बढ़ती घटनाओं और धर्मांतरण के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में विहिप के पदाधिकारियों ने इन गंभीर सामाजिक मुद्दों पर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए विहिप के प्रांत प्रचार प्रमुख ऋषि मिश्रा, विजय राठौर और राणा मुखर्जी सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि ‘लव जिहाद’ एक सुनियोजित साजिश है, जिसका शिकार गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय हिंदू युवतियां बन रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि काम की तलाश में गांवों से शहर आने वाली और व्यावसायिक संस्थानों में कम वेतन पर काम करने वाली युवतियां आसानी से इसका निशाना बन जाती हैं।

लापता लड़कियों के आंकड़े और प्रशासन की भूमिका पर सवाल

विहिप ने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा कि कोरबा के बालको, कुसमुंडा जैसे शहरी क्षेत्रों से लेकर पसान, पाली और करतला जैसे वनांचल क्षेत्रों तक से लड़कियों के गायब होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एक प्रकाशित आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल 31 लड़के-लड़कियां लापता हुए। पदाधिकारियों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि गायब होने वालों में लड़कों की संख्या नगण्य है, जबकि लड़कियों की संख्या चिंताजनक रूप से अधिक है।

उन्होंने कहा, “आमतौर पर इसे प्रेम-प्रसंग का मामला मान लिया जाता है, लेकिन अगर ऐसा होता तो लड़कों के भी गायब होने की घटनाएं समान रूप से सामने आतीं। यह एक बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी बेटियां किसका शिकार बन रही हैं।” विहिप ने मांग की है कि जिन संस्थानों में युवतियां काम करती हैं, वहां उनका पूरा ब्योरा रखा जाए और उनके नौकरी छोड़ने की सूचना प्रशासन को देना अनिवार्य किया जाए।

सरकार से 10 वर्षों का आंकड़ा सार्वजनिक करने की मांग
इस गंभीर समस्या पर समाज को जागरूक करने के लिए विहिप ने छत्तीसगढ़ शासन से मांग की है कि पिछले 10 वर्षों में गुमशुदा लड़के-लड़कियों का विस्तृत आंकड़ा सार्वजनिक किया जाए। साथ ही, लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस चिंताजनक प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए पूरे प्रदेश में एक व्यापक जन-जागरण अभियान चलाया जाए।

धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग पर भी उठाए सवाल

विहिप ने ईसाई मिशनरियों पर सेवा की आड़ में धर्मांतरण का खेल खेलने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चर्च को मिलने वाली कथित अवैध फंडिंग का इस्तेमाल इस काम में हो रहा है। पदाधिकारियों ने मिशनरी द्वारा संचालित स्कूलों को मिलने वाले सरकारी अनुदान पर भी सवाल उठाया और कहा कि यदि उनका उद्देश्य केवल सेवा करना है, तो उन्हें सरकारी अनुदान की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

संगठन ने धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाने, धर्म परिवर्तन करने वाले हिंदुओं को आरक्षण के लाभ से वंचित करने और ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों के मताधिकार को निलंबित करने जैसी कड़ी मांगों को भी सामने रखा। इसके अतिरिक्त, जिले में कार्यरत सभी गैर-सरकारी संगठनों (NGO) की सघन जांच की भी मांग की गई है।

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