शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024
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वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल का बड़ा कदम: 75% संपत्ति समाज को समर्पित, नंद घर से बदलेंगे देश का भविष्य!

नई दिल्ली। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अपने परिवार के साथ मिलकर देश के भविष्य को संवारने की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने अपनी 75% संपत्ति समाज को लौटाने का संकल्प लिया है, जिससे वंचित और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा। यह कदम न केवल उनके सामाजिक उत्तरदायित्व को दर्शाता है, बल्कि देश के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान भी साबित होगा।
अनिल अग्रवाल ने इस बारे में कहा, “नंद घर हमारी प्रमुख सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर पोषण और महिलाओं को सशक्त बनाना है।” यह पहल महिलाओं और बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए समर्पित है। अग्रवाल के अनुसार, सरकार के सहयोग से 14 राज्यों में 6,500 नंद घर पहले से ही संचालित हो रहे हैं, और निकट भविष्य में इस संख्या को बढ़ाकर 25,000 तक पहुंचाने की योजना है। इन नंद घरों में आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

उन्होंने देशवासियों से इस अभियान का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा, “नंद घर मूवमेंट का हिस्सा बनकर हम देश के भविष्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।” इस अभियान में भाग लेने के इच्छुक लोग rhea@vedanta.co.in पर संपर्क कर सकते हैं।

उद्योगपति अनिल अग्रवाल का यह कदम न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है, बल्कि एक व्यावहारिक दृष्टिकोण से देश की जमीनी हकीकत को भी दर्शाता है। देश के पिछड़े और वंचित वर्गों की मदद के लिए उनकी संपत्ति का इस प्रकार उपयोग एक उदाहरण है कि किस तरह बड़े उद्योगपति समाज को वापस दे सकते हैं।
नंद घर परियोजना के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण पर दिया गया ध्यान भी देश के समग्र विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह पहल न केवल बच्चों को पोषण और शिक्षा प्रदान करती है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित हो रही है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके यह परियोजना आने वाले समय में देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गहरे बदलाव ला सकती है।

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