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शिक्षा का मूल्य या मुनाफाखोरी? कोरबा के अभिभावकों का स्कूल फीस पर सवाल!

छत्तीसगढ़, कोरबा (पब्लिक फोरम)। निर्मला इंग्लिश हायर सेकेंडरी स्कूल (सीबीएसई), रिस्दी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि जून 2024 में केवल चार दिन की पढ़ाई के बावजूद स्कूल प्रशासन पूरे महीने की फीस वसूल रहा है। यह मामला न केवल आर्थिक बोझ का है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों की नैतिकता पर भी सवाल उठाता है।

अभिभावकों ने स्कूल प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने या तो जून 2024 की पूरी फीस माफ करने या केवल 25 प्रतिशत शुल्क लेने की मांग की है। उनका तर्क है कि छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार, जून में केवल चार दिन ही कक्षाएं लगीं। ऐसे में पूरे महीने का शुल्क लेना अनुचित प्रतीत होता है।

यह समस्या नई नहीं है। अभिभावकों ने बताया कि पिछले साल जून 2023 में भी केवल पांच दिन स्कूल खुला था, लेकिन तब भी पूरी फीस ली गई थी। इसी तरह, इस साल अप्रैल में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाए जाने के कारण स्कूल बंद रहा, फिर भी शुल्क में कोई छूट नहीं दी गई।

एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम अपने बच्चों की शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन स्कूल का यह रवैया हमारी आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त दबाव डालता है। क्या यह उचित है कि हम उन दिनों की भी फीस दें, जब वास्तव में पढ़ाई नहीं हुई?”

अभिभावकों ने अपनी मांग को और मजबूत करने के लिए ज्ञापन की प्रतियां मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, जिलाधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजी हैं। उनका मानना है कि यह कदम न केवल उनके हित में है, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी होगा।

इस मुद्दे ने शिक्षा के व्यावसायीकरण और शैक्षणिक संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। अब देखना यह है कि स्कूल प्रशासन और सरकारी अधिकारी इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।

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