कोरबा (पब्लिक फोरम)। नगरीय निकाय चुनाव 2025 में प्रत्याशियों को अपने प्रचार के लिए बिना प्रिंट लाइन के किसी भी सामग्री को मुद्रित या प्रकाशित कराने की अनुमति नहीं होगी। चुनावी प्रचार के लिए उपयोग की जाने वाली सभी सामग्रियों जैसे पोस्टर, पैम्फलेट आदि पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता प्रिंट करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, अखबारों में प्रकाशित होने वाली खबरों की भी लगातार निगरानी की जाएगी।
नगरीय निकाय चुनाव 2025 के लिए गठित मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति के अध्यक्ष तथा जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अजीत वसंत ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति का गठन किया है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना और पेड न्यूज पर नियंत्रण करना है।
चुनावी खर्चों की निगरानी के तहत, किसी भी प्रत्याशी या उसके चुनाव एजेंट द्वारा नामांकन से लेकर परिणाम घोषणा तक किए गए सभी खर्च चुनावी व्यय में शामिल होंगे। इसके अलावा, मीडिया में प्रकाशित या प्रसारित किसी भी समाचार या विश्लेषण, जो किसी प्रतिफल की आशा से दिया गया हो, पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। ऐसे मामलों की निगरानी के लिए ही जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है।
यह समिति प्रत्याशियों के लिए प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का प्रमाणन करेगी और पेड न्यूज की जांच भी करेगी। यदि प्रकाशित सामग्री सही पाई जाती है, तो उसे प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण केवल समिति के प्रमाणन के बाद ही किया जा सकेगा। यदि कोई विज्ञापन प्रत्याशी की अनुमति के बिना प्रसारित किया जाता है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 171-जे के तहत प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक मुद्रक और प्रकाशक को चुनावी सामग्री प्रकाशित करते समय प्रिंट लाइन में अपना नाम, पता, मुद्रित सामग्री की संख्या और मुद्रण तिथि अंकित करना अनिवार्य होगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 127-ए के तहत सजा और जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, मुद्रित सामग्री की संख्या की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को तुरंत देना अनिवार्य होगा, ताकि इसे प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जा सके।
चुनावी प्रक्रिया में नैतिकता बनाए रखने के लिए, किसी भी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित सामग्री, अपमानजनक लेख, न्यायालयीन मामलों या धर्म से जुड़ी आलोचना का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, देश की एकता और अखंडता को प्रभावित करने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
इन सख्त नियमों के माध्यम से नगरीय निकाय चुनाव 2025 को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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