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शनिवार, अप्रैल 19, 2025
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केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी का गेवरा दौरा: कोयले की धरती पर बड़ी उम्मीदों का आगमन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोयले की धरती कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल गेवरा में एक बड़ा दिन आने वाला है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी 10 अप्रैल को यहां पहुंचने वाले हैं। उनके इस दौरे से न सिर्फ कोयला उद्योग में नई उम्मीदें जागी हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के दिलों में भी उत्साह और भावनाएं उमड़ रही हैं। यह उनका कोयला मंत्री बनने के बाद पहला एसईसीएल खदान दौरा है, जो इसे और खास बनाता है।

पांच घंटे का महत्वपूर्ण दौरा 
केंद्रीय मंत्री सुबह 11 बजे गेवरा पहुंचेंगे और करीब साढ़े पांच घंटे तक यहां रहेंगे। इस दौरान वे गेवरा माइंस का जायजा लेंगे और कोयला उत्पादन से जुड़े हर पहलू को करीब से देखेंगे। दोपहर 3:30 बजे तक खदान का दौरा करने के बाद वे एसईसीएल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे, जो दोपहर 3:30 से 4:15 बजे तक चलेगी। शाम 4:30 बजे वे हेलिकॉप्टर से रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। यह दौरा कोयला उद्योग के भविष्य और श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

यात्रा का पूरा कार्यक्रम 
जी. किशन रेड्डी का यह दौरा बेहद सुनियोजित और व्यस्त है। वे 9 अप्रैल को रात 8 बजे रायपुर पहुंचेंगे और मेफेयर रिजॉर्ट में रुकेंगे। अगले दिन सुबह 9 बजे हेलिकॉप्टर से बिलासपुर के रतनपुर स्थित महामाया मंदिर जाएंगे। मंदिर में दर्शन के बाद वे कोरबा के लिए रवाना होंगे। गेवरा से लौटने के बाद रायपुर में रात 8 से 9 बजे तक वे उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। 

11 अप्रैल को सुबह 10 बजे वे सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में एसईसीएल की ‘धड़कन योजना’ के लाभार्थियों से मिलेंगे। यह योजना कोयला श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की एक पहल है। इसके बाद 10:50 बजे वे मंत्रालय में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे और दोपहर 3 बजे हैदराबाद के लिए उड़ान भरेंगे।

बड़े अधिकारियों का साथ 
इस दौरे में केंद्रीय मंत्री अकेले नहीं होंगे। उनके साथ अतिरिक्त कोयला सचिव भवानी प्रसाद पति और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के चेयरमैन पी.एम. प्रसाद भी मौजूद रहेंगे। इन बड़े अधिकारियों का आगमन इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार कोयला क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी में है।

कोयला श्रमिकों की उम्मीदें 
गेवरा की खदानों में काम करने वाले हजारों श्रमिकों के लिए यह दौरा किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है। कोयला उद्योग न सिर्फ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि लाखों परिवारों की रोजी-रोटी भी इससे जुड़ी है। एक श्रमिक रामलाल ने कहा, “मंत्री जी के आने से हमें उम्मीद है कि हमारी समस्याएं सुनी जाएंगी। काम की स्थिति बेहतर हो, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, यही हमारी चाहत है।” यह दौरा न केवल तकनीकी समीक्षा का मौका है, बल्कि उन लोगों की जिंदगी को समझने का भी अवसर है, जो कोयले की कालिख में देश को रोशनी देते हैं।

क्यों खास है यह दौरा? 
एसईसीएल गेवरा देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक है। यहां से निकलने वाला कोयला देश के बिजली घरों को चलाता है और अर्थव्यवस्था की रीढ़ मजबूत करता है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री का दौरा इस क्षेत्र के विकास और चुनौतियों को समझने का एक बड़ा कदम है। यह दौरा न सिर्फ उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर केंद्रित होगा, बल्कि पर्यावरण और श्रमिक कल्याण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी ध्यान देगा।

भावनाओं और तथ्यों का मेल 
यह दौरा सिर्फ एक सरकारी यात्रा नहीं, बल्कि उन कोयला श्रमिकों के लिए सम्मान और उम्मीद का प्रतीक है, जो कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा करते हैं। जी. किशन रेड्डी का यह कदम कोयला उद्योग को नई दिशा देने के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी छूता है। जैसे ही हेलिकॉप्टर गेवरा की धरती पर उतरेगा, यह सिर्फ एक मंत्री का आगमन नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य की उम्मीद होगी।

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