कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पिछली रात दो बड़े सड़क हादसों ने इलाके को झकझोर दिया। इन हादसों में एक किशोरी और एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा, 21 अन्य लोग भी मामूली रूप से घायल हुए, जिनका इलाज जारी है।
पहला हादसा: ट्रक ने रौंदी बाइक
कोरबा जिले के नेशनल हाईवे-130 पर कटघोरा-अंबिकापुर मार्ग में तानाखार के पास एक भीषण सड़क हादसा हुआ। एक अज्ञात ट्रक ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी। इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
सूचना मिलते ही कटघोरा पुलिस और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को तुरंत कटघोरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
दूसरा हादसा: पिकनिक से लौटते समय पिकअप पलटी
दूसरी घटना में पिकनिक मनाकर लौट रहे लोगों से भरी पिकअप वाहन घाट के पास पलट गई। बताया गया कि ये लोग बनखेता ग्राम पंचायत के कांसामार से बुका पिकनिक मनाने गए थे। लौटते समय जटगा पुलिस चौकी के ग्राम घुमानीडांड़ के हड़मोड़ मार्ग पर यह हादसा हुआ।
इस दुर्घटना में एक किशोरी की मौत हो गई, जबकि 12 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तुरंत एंबुलेंस से कटघोरा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण घायलों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बीएमओ को फोन पर सूचना दी गई, लेकिन काफी देर बाद वे अस्पताल पहुंचे।
इन दोनों हादसों ने जिले में सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलना एक गंभीर चिंता का विषय है। सड़क सुरक्षा के मामले में ट्रक चालकों की लापरवाही और प्रशासन की निगरानी की कमी भी सवाल खड़े करती है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि ऐसे हादसे आए दिन होते रहते हैं, लेकिन सख्त कदम नहीं उठाए जाते। पिकअप हादसे के पीड़ितों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घायलों का कहना है कि उन्हें समय पर उपचार मिल जाता तो कुछ गंभीर घायलों की हालत बेहतर हो सकती थी।
इस तरह के हादसों में लापरवाह वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। साथ ही, सड़क सुरक्षा मानकों का पालन और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता जरूरी है। अस्पतालों में डॉक्टरों और आवश्यक संसाधनों की कमी को भी दूर करना होगा ताकि घायलों को तुरंत उपचार मिल सके।
ये हादसे केवल घटनाएं नहीं, बल्कि प्रशासन और समाज के लिए एक चेतावनी हैं। सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने, अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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