back to top
रविवार, जुलाई 27, 2025
होमआसपास-प्रदेशशोषित वर्ग के मसीहा बाबा साहेब अम्बेडकर को श्रमिक दिवस पर श्रद्धांजलि!

शोषित वर्ग के मसीहा बाबा साहेब अम्बेडकर को श्रमिक दिवस पर श्रद्धांजलि!

भिलाईनगर (पब्लिक फोरम)। भिलाई इस्पात संयंत्र एससी एसटी कर्मचारी एसोसिएशन, भिलाई द्वारा 01 मई, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर भिलाई स्थित भिलाई टाउनशिप में स्थापित भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। डॉ. अम्बेडकर इस देश के भाग्यविधाता, श्रमिकों के अधिकारों के राष्ट्रीय संरक्षक और कल्याणकारी कानूनों के प्रवर्तक थे। इस अवसर पर एसोसिएशन के पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य और युवा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद रामटेके ने श्रमिक दिवस पर फ्रांस और रूस की सामाजिक क्रांतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि श्रमिकों के आंदोलन को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अमेरिका के शिकागो शहर में 1886 की क्रांति हमें मजदूरों की शहादत को याद दिलाती है, जिन्होंने अपने खून से इतिहास रच दिया। उनकी कुर्बानियों का ही परिणाम है कि दुनिया भर के मजदूर जो पहले 16-18 घंटे काम किया करते थे, वे अब 8 घंटे ही काम करते हैं। यह सच है कि आज भारत में भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत मजदूर 8 घंटे की मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। यह केवल डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की ही देन है।

लेकिन, आनंद रामटेके ने यह भी कहा कि आज भी वही दिन दिखाई पड़ रहे हैं जो पहले हुआ करते थे। हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों के लिए देश के हर युवा, मजदूर, किसान, महिला और पुरुष को एक मंच पर लाना होगा। तभी हम अपने अधिकारों को सही मायने में बचा पाएंगे। इस अवसर पर एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष दीनानाथ प्रसाद, जोनल सचिव गोविंद कन्नौजिया, नेत्र पाल, विष्णु ठाकुर, रामकेश, स्वगत बेहरा, असफाक अहमद, असलम भाई, युवा छात्र अन्नु, सतीश, रामकुमार, उदय कुमार, टेक राम सहित युवा छात्र उपस्थित थे।

50 साल की सेवा, फिर भी न कर्मचारी का दर्जा, न...

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हक और उनका संघर्ष: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन रायपुर/नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। देशभर में कार्यरत करीब 27...
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments