कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालकोनगर स्थित अंबेडकर भवन का माहौल आज एक बार फिर भावुकता, गर्व और सम्मान से भर गया। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर यहां एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और स्कूली विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस विशेष अवसर पर हितानंद अग्रवाल, सुमित तिवारी, लोकेश्वर चौहान, संपत यादव, रमेश सोनी, भानु थवाईत, रेणु प्रसाद, चंद्रभान सिंह, जिवेन्द्र चंद्रा, देव कुमार पटेल, किशोर गुर्जर, अरविंद सिंह, विद्यासागर त्रिपाठी, देवेंद्र पाठक, संजय तिवारी, राजीव रंजन, सुनील सिंह और वेदांता स्किल स्कूल, बालको के विद्यार्थी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बाबा साहब के संघर्ष, उनके विचारों और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेकों कठिनाइयों का सामना कर, समाज के वंचित वर्गों को आत्मसम्मान और अधिकार दिलाने की राह बनाई।
युवाओं में जागरूकता का संदेश
वेदांता स्किल स्कूल के विद्यार्थियों ने बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। बच्चों के चेहरों पर गर्व और श्रद्धा की भावना साफ झलक रही थी। यह दृश्य यह दर्शा रहा था कि आज का युवा अपने इतिहास, संविधान और सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूक है।

समाज में एकता और समरसता का संदेश
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि समाज में समानता और समरसता बनाए रखने के लिए बाबा साहब की सोच और उनके मूल्यों को अपनाना आवश्यक है। यह केवल एक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि एक प्रेरणा थी – मानवता, न्याय और शिक्षा की ओर आगे बढ़ने की।
डॉ. अंबेडकर की जयंती सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणाओं को दोहराने का दिन है। बालकोनगर का यह आयोजन भावनात्मक रूप से गूढ़, सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण और शैक्षणिक दृष्टि से प्रेरणादायक रहा। ऐसे कार्यक्रम आज के समाज में जागरूकता, भाईचारे और समानता की भावना को और मजबूत करते हैं।
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