शुक्रवार, नवम्बर 8, 2024
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बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन: 14-15 नवंबर, रायपुर में आदिवासी संस्कृति और बलिदान गाथा की गूंज!

रायपुर (पब्लिक फोरम)। बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में 14 और 15 नवंबर को एक राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जा रहा है। आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, और आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों को इस आयोजन की तैयारियों के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में हो रहा है और प्रदेश में इसे व्यापक रूप से मनाया जाएगा।

आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को सम्मानित करने का दिन
जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और उनके बलिदानों को याद करना है, ताकि आमजन और नई पीढ़ी को उनके संघर्षों से प्रेरणा मिल सके। वर्ष 2021 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, जिसके बाद से हर वर्ष इसे व्यापक स्तर पर मनाया जा रहा है।

सामाजिक, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने आयोजन की तैयारी के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के जनजातीय गौरव दिवस का विषय ‘सामाजिक और आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला-संस्कृति और धरोहर, शिक्षा एवं कौशल विकास, स्वास्थ्य और जीवन शैली’ रखा गया है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी हितों का संरक्षण और संवर्धन करना है। कार्यक्रम में राज्य के 17 विभाग और 25 योजनाओं को शामिल किया गया है ताकि आदिवासियों के जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाया जा सके।

राज्य और जिला स्तर पर समितियों का गठन
इस भव्य आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य स्तर पर एक संचालन समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा करेंगे। वहीं, क्रियान्वयन समिति का गठन मुख्यालय स्तर पर आयुक्त आदिम जाति विकास के नेतृत्व में किया गया है, जिसमें 17 सदस्य शामिल हैं। इस समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आयोजन में कोई कमी न रह जाए और यह पूरी गरिमा और संवेदनशीलता के साथ संपन्न हो।

छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज की विरासत को सहेजने का प्रयास
छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है, जहां की जनसंख्या का लगभग 30.62 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समुदाय से है। यहां 43 प्रमुख जनजातियां और 162 उपजातियां हैं। जनजातीय गौरव दिवस का यह आयोजन न केवल आदिवासी महापुरुषों के बलिदान को स्मरण करने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि राज्य के आदिवासियों के हितों को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए भी मंच उपलब्ध कराएगा। इस आयोजन से आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने और उसे जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस का यह राज्य स्तरीय आयोजन न केवल आदिवासी समाज की ताकत और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा बल्कि इसके माध्यम से भावी पीढ़ी को उनके संघर्ष और बलिदानों से प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा। राज्य और जिला स्तर पर आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम से एक नई पीढ़ी को आदिवासी महापुरुषों के योगदान की गूंज सुनाई देगी और वे समाज के लिए नई ऊर्जा के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।

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