कोरबा (पब्लिक फोरम)। न्याय की पहुंच को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कोरबा जिले में विधिक सेवा प्रदाताओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार आयोजित किया गया, जिसमें पैनल अधिवक्ताओं और पैरालीगल वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कोरबा के प्रधान जिला न्यायाधीश श्री सत्येंद्र कुमार साहू ने की। उन्होंने पैनल अधिवक्ताओं द्वारा संभाले जा रहे मामलों की समीक्षा की और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने पैरालीगल वॉलंटियर्स को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
श्री साहू ने बाल सक्षम नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें बाल श्रम, भिक्षावृत्ति और नशे के शिकार बच्चों की पहचान और पुनर्वास पर विशेष ध्यान देना होगा। 15 जुलाई से 14 अगस्त 2024 तक चलने वाले विशेष अभियान ‘एक युद्ध नशे के विरुद्ध’ में आप सभी की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।”
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमारी डिम्पल ने पैरालीगल वॉलंटियर्स को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की 11 योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “आप सभी को स्कूलों और वृद्धाश्रमों में जाकर कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देनी है। साथ ही, गुमशुदा नाबालिग बच्चों के मामलों पर नज़र रखनी है और इसकी मासिक रिपोर्ट प्राधिकरण को देनी है।”
इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल विधिक सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित करना था, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना भी था। यह प्रयास न्याय व्यवस्था को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आगामी 21 सितंबर 2024 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने और अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
यह कार्यक्रम कोरबा जिले में कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और न्याय तक पहुंच को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल कानूनी पेशेवरों को लाभ होगा, बल्कि आम नागरिकों को भी बेहतर न्याय मिलने की उम्मीद है।
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