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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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जम्मू में बढ़ता आतंक: सुरक्षा बलों की कड़ी चुनौती और दृढ़ प्रतिक्रिया!

जम्मू (पब्लिक फोरम)। जम्मू-कश्मीर की शांति को फिर से दांव पर लगाने की कोशिश हो रही है। पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में अचानक वृद्धि देखी गई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस नई चुनौती का सामना करने के लिए, भारतीय सुरक्षा बल पूरी तत्परता से तैयार हैं।

राजौरी के गुंडा ख्वास क्षेत्र में हाल ही में हुए एक घटनाक्रम ने इस स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। आतंकवादियों ने सेना की एक चौकी पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों ने इस साजिश को विफल कर दिया। इस घटना के बाद से दोनों पक्षों के बीच गहन मुठभेड़ जारी है।

जम्मू, जो एक समय शांति का प्रतीक माना जाता था, अब आतंकी गतिविधियों का नया केंद्र बन गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 50 सक्रिय आतंकवादी हैं। इन खतरों से निपटने के लिए, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जम्मू में 500 अतिरिक्त पैरा कमांडो तैनात करने का निर्णय लिया है।
,उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में, उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने तथा सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए ठोस रणनीतियों पर चर्चा की।

सुरक्षा बलों की सतर्कता और साहस के कारण कई सफलताएं भी मिली हैं। हाल ही में, कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में दो घुसपैठिए आतंकवादी मार गिराए गए। इससे पहले, 14 जुलाई को भी तीन हथियारबंद आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ही ढेर कर दिया गया था।
इन घटनाओं के पीछे पाकिस्तान की भूमिका की आशंका व्यक्त की जा रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां न केवल आतंकवादियों से लड़ रही हैं, बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले नेटवर्क को भी नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखना एक जटिल चुनौती है, लेकिन हमारे बहादुर सुरक्षा बल इस चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनकी दृढ़ता और समर्पण से यह स्पष्ट है कि वे क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

यह खबर आतंकवाद के खिलाफ चल रहे संघर्ष की जटिलताओं को प्रकाश में लाता है और साथ ही भारतीय सुरक्षा बलों की अदम्य भावना और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और समृद्धि के लिए यह लड़ाई निर्णायक है, और हमारे वीर जवान इस चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर हैं।

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