कोरबा (पब्लिक फोरम)। सीपीआई जिला कोरबा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा कि जंगल में नही हुई मुठभेड़ गांव में ही वनोपज इक्कठे कर रहे आम आदिवासी जनता को घेर कर किया गया निर्मम हत्या जिसमें गूंगे बहरे और नाबालिग भी शामिल हैं। यह घटना दर्दनाक और बेहद निंदनीय है। दोषियों पर कड़ी कार्यवाई हो।
श्री वर्मा ने आज महामहिम मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली भारत, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर, को माननीय कलेक्टर जिला कोरबा द्वारा ज्ञापन दिया गया उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य जिला बीजापुर, ग्राम पीडिया रहने वाले आदिवासियों को नक्सली बताकर उन पर गोलियां चलाई गई। जिसकी जानकारी पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ राज्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव मनीष कुंजाम को जानकारी मिली तो वह 15 मई 2024 को 15 सदस्यीय टीम के साथ पीड़ित आदिवासियों से मिलने पहुंचे, वहां के ग्रामीणों ने मनीष कुंजाम को बताया कि हम तेंदू पत्ता वनोपज इक्कठे कर रहे थे तभी पुलिस वालो ने चारों तरफ़ से घेरा और एक जगह लेजाकर गोली मारा गया कइयों ने गुहार लगाई कि हमें मत मारिए फिर भी पुलिस ने एक नहीं सुनी, सबकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी।
ताजुब की बात यह है कि उसमे एक ग्रामीण गूंगा भी है अवलम सन्नू जो बोल, सुन नही सकता था। वहीं पत्थर पर बैठा था उसे भी पुलिस ने गोली मारी जिसके चार बच्चे भी हैं। दूसरा मोटू अवलम जो 16 साल का नाबालिग है। तीसरा ओयम भीमा जो पेड़ पर चढ़ा था उसे वहीं गोली मारा गया। ऐसे करके बारी बारी से सभी को मौत के घाट उतारा गया और एक नाबालिग जिसके पैर में तीन गोली लगी है वह घायल है।

वहां पर जब महिलाएं ऐसे करने से मना करने की बात कही तो उन्हे डंडों और लात घूसों से मारा गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि यदि वह आदिवासी नक्सली थे तो पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए था और फिर पूछताछ करने चाहिए थी लेकिन पुलिस ने बिना सोचे समझे निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों पर गोलियां चलाना शुरु कर दिया जो कि सरासर गलत है।
बिजली विभाग की लापरवाही, कलेक्टर से शिकायत
*दूसरा ज्ञापन जिलाधीश महोदय को दिया गया जिसमें बिजली विभाग की लापरवाही के संबंध में उल्लेख किया गया है कि जिले में बिजली विभाग के द्वारा ट्रांसफार्मर लगाया जाता है लेकिन उसे बैरिकेड (घेरा) नहीं किया जाता है। ट्रांसफार्मर में जो पैनल लगे होते हैं उसका दरवाजा भी खुला रहता है या कई पैनल का दरवाजा टूट गये हैं। ट्रांसफार्मर रोड के नजदीक लगे हुए हैं। तार भी बिखरा हुआ रहता है। जानवर आसपास घास खाने के लिए जाते हैं छोटे-छोटे बच्चों का भी उनसे खतरा बना रहता है। पैनल खुला होने के कारण, तार बिखराव के कारण एवं बेरिकेट न होने के कारण कभी-कभी अप्रिय घटना घट सकती है।
यह कि कुछ दिन पहले भदरापारा बालको में एक गाय ट्रांसफार्मर की पास गई और खंभे के संपर्क में आने से गाय की मृत्यु हो गई क्योंकि खंबे में करंट सप्लाई हो रहा था ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का यह सुझाव है कि जहां-जहां ट्रांसफार्मर लगे हैं वहां वैरिकेड लगाया जाए एवं लोहे की खंबे की जगह कंक्रीट का खंभा का उपयोग किया जाए जिससे कि अप्रिय घटना घटने से बचा जा सके।
वर्मा ने कबीरधाम जिले ग्राम बाहपनी में हुई दुर्घटना में 18 लोगों की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पीड़ित प्रत्येक परिवारों को 50-50 लाख रुपए दिया जाए। यह देखा गया है कि ठेकेदारों द्वारा मजदूरों को पिकअप में जानवरों की तरह भरकर ले जाया जाता है इस पर शासन को ध्यान देने की जरूरत है। ज्ञापन देते समय जिला सचिव कामरेड पवन कुमार वर्मा जिला परिषद सदस्य राम मूर्ति दुबे, सुनील सिंह उपस्थित थे।
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