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बुधवार, जुलाई 23, 2025
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बिजली दर में वृद्धि जनता की जेब पर सीधा हमला: यूनियन ने बताया डकैती, स्मार्ट मीटर को बताया जनविरोधी

कांकेर (पब्लिक फोरम)। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में की गई बिजली दरों में वृद्धि और प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना के खिलाफ मजदूर संगठनों का विरोध तेज हो गया है। राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवचंद भास्कर और महासचिव ओम प्रकाश देवांगन ने इसे “जनता की जेब से डकैती” करार दिया है।

प्रेस को जारी एक बयान में यूनियन नेताओं ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार पहले ही स्मार्ट मीटर लगाकर आम जनता को लूट चुकी है, और अब बिजली दरों में वृद्धि कर गरीबों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना तेज़ी से लागू की जा रही है, जिनमें अब केवल चिप इंस्टाल करना शेष है। इन स्मार्ट मीटरों में प्रीपेड सिस्टम लागू है, जिसके तहत उपभोक्ता जितनी राशि का रिचार्ज करेगा, उतनी ही बिजली खपत कर सकेगा। इसके बाद बिजली स्वतः ही कट जाएगी।

नेताओं ने कहा कि यह प्रणाली गरीब और निम्नवर्गीय परिवारों के लिए सबसे ज्यादा घातक साबित होगी, क्योंकि ये परिवार दैनिक मजदूरी पर आश्रित हैं और महीनेभर की रिचार्ज व्यवस्था करना उनके लिए कठिन होगा। यूनियन का मानना है कि यह पूरी योजना बिजली कंपनियों के मुनाफे को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है, और इसके लिए जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया जा रहा है।

इसके साथ ही, यूनियन नेताओं ने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर व्यवस्था से न केवल उपभोक्ता प्रभावित होंगे, बल्कि बिजली विभाग के हजारों कर्मचारियों की रोज़गार भी खतरे में पड़ जाएगी। अब मीटर रीडिंग करने, बिल जमा करने या वितरण करने वाले कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं रहेगी, जिससे बड़ी संख्या में स्थायी और संविदा कर्मचारी बेरोज़गार हो सकते हैं।

बिजली जीवन की अनिवार्यता है और सरकार इसे आम जनता की पहुंच से दूर करने का प्रयास कर रही है — ऐसा कहना है यूनियन नेताओं का। उन्होंने कहा कि बिजली दरों में की गई वृद्धि सीधे तौर पर सबसे गरीब तबके को प्रभावित करेगी। विशेष रूप से एकल बत्ती कनेक्शन रखने वाले गरीब परिवारों के लिए प्रति यूनिट दर में 20 रुपए तक की वृद्धि गंभीर आर्थिक बोझ बनेगी। इसका असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों पर पड़ेगा।

यूनियन ने सरकार पर अमीरों के हितों में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार की यह नीति पूरी तरह जनविरोधी है। नेताओं ने बिजली दर वृद्धि को अविलंब वापस लेने और स्मार्ट मीटर योजना को रद्द करने की मांग की है।

अंत में, यूनियन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती, तो वे राज्यव्यापी विरोध आंदोलन की शुरुआत करेंगे और जनता के साथ मिलकर इस जनविरोधी नीति के खिलाफ संघर्ष तेज करेंगे।

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