शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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आपातकाल की तानाशाही सोच आज भी कांग्रेस की सोच: लखनलाल साहू का बयान

कोरबा (पब्लिक फोरम)। 25 जून को हमारे देश के इतिहास में काले दिवस के रूप में याद किया जाता है। पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने कोरबा प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेसियों की सोच आज भी आपातकाल जैसी ही तानाशाही है। वे देश को तानाशाही मानसिकता से चलाना चाहते हैं। भविष्य में वे फिर से देशवासियों के अधिकारों का दमन और लोकतंत्र को खतरे में न डाल सकें, इसके लिए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

लखनलाल साहू ने 1975 के आपातकाल के दौर को याद करते हुए बताया कि उस समय भारत के नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था। लाखों मीसा बंदियों को 25 जून 1975 से मार्च 1977 तक जेल में रखा गया। प्रेस की स्वतंत्रता भी छीन ली गई थी। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का आंदोलन चला और इन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें चुनाव को शून्य घोषित कर दिया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पद और सत्ता बचाने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया, जिससे देश की जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

इस अवसर पर कोरबा प्रेस क्लब के मंच पर छत्तीसगढ़ के श्रम, उद्योग और वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन, भाजपा जिलाध्यक्ष डा. राजीव सिंह, पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, महामंत्री टिकेश्वर राठिया, भाजपा मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा और सह प्रभारी पवन सिन्हा उपस्थित रहे।
मीसाबंदियों को भत्ता पुनः शुरू: लखन लाल देवांगन
उल्लेखनीय है कि 25 जून 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा ने छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में मीसा बंदियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया। लोगों को जागरूक और उनके मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करने के प्रयास किए गए। श्रम, उद्योग और वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि कोरबा में वर्तमान में एक ही मीसाबंदी निवासरत हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में मीसा बंदियों को मिलने वाले भत्ते को वर्तमान में फिर से शुरू किया गया है, जिसे पूर्व कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था।

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