कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा नगर पालिक निगम की सामान्य सभा शुक्रवार को नवनिर्मित पंडित जवाहरलाल नेहरू सभा भवन में आयोजित हुई, लेकिन यह सभा चर्चा से ज्यादा तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन गई। नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने महापौर संजू देवी राजपूत पर जनता से किए वादों को पूरा न करने का गंभीर आरोप लगाया। पानी, लकड़ी और टैंकर जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर साहू ने महापौर को कटघरे में खड़ा किया, जिससे सभा में माहौल गरमा गया।
जनता के मुद्दों पर जोरदार बहस
सभा में विभिन्न प्रशासनिक प्रस्तावों पर चर्चा हुई और कुछ पारित भी किए गए, लेकिन जनता की समस्याओं ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा। कृपाराम साहू ने महापौर पर निशाना साधते हुए कहा, “महापौर ने जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे। अंतिम संस्कार, दशगात्र, पूजा और वैवाहिक समारोह के लिए मुफ्त लकड़ी, पानी के टैंकर और नियमित जल आपूर्ति का वादा था। लेकिन आज कोरबा के कई वार्डों में पानी की किल्लत बरकरार है। लकड़ी नहीं मिल रही, टैंकरों की कमी है। यह सिर्फ दिखावा है, हकीकत में जनता को कोई राहत नहीं मिली।”
मुक्तिधाम में लकड़ी की कमी: महापौर के वादे अधूरे – कृपाराम साहू का बड़ा खुलासा

कोरबा नगर पालिका निगम के नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शहर के किसी भी मुक्तिधाम में एक किलो लकड़ी भी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि महापौर ने मुफ्त लकड़ी वितरण का वादा किया था, लेकिन यह केवल कागजी घोषणा बनकर रह गया। श्री साहू ने कहा कि जब लोग लकड़ी की मांग को लेकर अधिकारियों के पास पत्र लेकर जाते हैं, तो उन्हें जवाब मिलता है कि लकड़ी वितरण के लिए कोई आदेश या पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इस स्थिति ने जनता के बीच असंतोष को जन्म दिया है और निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
श्री साहू ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि निगम के पास न तो पर्याप्त पानी टैंकर हैं और न ही चालकों की संख्या। “जब बुनियादी संसाधन ही नहीं हैं, तो मुफ्त टैंकर सेवा का वादा कैसे पूरा होगा? जनता त्रस्त है, लेकिन निगम के पास जवाब नहीं,” साहू ने तल्ख अंदाज में कहा। उनकी बातों में कोरबा की जनता की पीड़ा साफ झलक रही थी, जो बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर उठे सवाल
सभा में केंद्र सरकार की ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ योजना पर भी प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया। श्री साहू ने इसे नगर निगम की सभा के लिए अनुचित बताते हुए कहा, “यह राष्ट्रीय मुद्दा है, जिसका नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं। राज्य सरकार या निर्वाचन आयोग से इस बारे में कोई निर्देश भी नहीं आए हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब निगम अपने ही चुनाव एक चरण में नहीं करा पाता, तो राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय स्थानीय समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।”
जनता की उम्मीदें और निगम की चुनौतियां
कोरबा की जनता लंबे समय से जल संकट, खराब सड़कों और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है। साहू के आरोपों ने इन मुद्दों को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। एक तरफ जहां महापौर और निगम के अधिकारी प्रशासनिक कार्यों को गति देने की बात कर रहे हैं, वहीं जनता की नाराजगी बढ़ती जा रही है। सभा में उठे सवालों ने यह साफ कर दिया कि कोरबा में बुनियादी सुविधाएं अब भी एक बड़ी चुनौती हैं।
अब आगे क्या?
नेता प्रतिपक्ष के तीखे सवालों के बाद अब सभी की नजरें नगर निगम के अगले कदम पर हैं। क्या महापौर संजू देवी राजपूत इन आरोपों का जवाब देंगी? क्या कोरबा की जनता को जल्द ही जल संकट और अन्य समस्याओं से राहत मिल पाएगी? यह सवाल हर कोरबावासी के मन में है।
नगर निगम की इस सभा ने न केवल प्रशासनिक चर्चाओं को जन्म दिया, बल्कि जनता की उम्मीदों और निराशाओं को भी उजागर किया। अब देखना यह है कि निगम इन चुनौतियों से कैसे निपटता है और जनता का भरोसा कैसे जीतता है।
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