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रविवार, जुलाई 20, 2025
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कोरबा में राजस्व विभाग की संसाधनों की कमी से तहसीलदारों का आंदोलन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का राजस्व विभाग इन दिनों गंभीर संकट से जूझ रहा है। संसाधनों की कमी के चलते तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपने कार्यों को सही तरीके से निभाने में असमर्थ हैं। इस समस्या का समाधान न होने पर अब ये अधिकारी आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं।

तहसीलदारों ने “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर आधारित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया है। यदि 26 जुलाई तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो 28 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह सूचना कलेक्टर के माध्यम से शासन को प्रेषित की गई है।

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने समय-समय पर विभिन्न समस्याओं से शासन को अवगत कराया है। विशेष रूप से तहसील कार्यालयों में कार्यरत तहसीलदारों को मानवीय संसाधनों, तकनीकी सुविधाओं, सुरक्षा, शासकीय वाहनों और प्रशासनिक सहयोग की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ये सभी समस्याएँ कार्य निष्पादन में गंभीर कठिनाई उत्पन्न कर रही हैं।

संघ द्वारा इन विषयों पर कई बार ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है, जिसमें शासन से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अपील की गई है। संघ के सदस्यों का मानना है कि यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो उन्हें आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा।

संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि 26 जुलाई 2025 तक कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में जुट जाएंगे। यह आंदोलन न केवल उनके लिए, बल्कि क्षेत्र की जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि संसाधनों की कमी का सीधा असर नागरिक सेवाओं पर पड़ता है।

कोरबा का राजस्व विभाग इस समय एक गंभीर मोड़ पर है। उम्मीद की जाती है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से लेगी और जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगी।

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