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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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तहसीलदार ने कहा: देश के किसी भी कोने में सरकार रबी फसल की खरीदी नहीं करती

कांकेर (पब्लिक फोरम)। देश के किसी भी कोने में सरकार रबी फसल की खरीदी नहीं करती है। अगर भगवान चाहे तो एक सप्ताह के भीतर पखांजूर के मक्का किसानों का भुगतान हो सकता हैं। उक्त बातें पखांजूर के तहसीलदार ने छत्तीसगढ किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा करते हुए कहा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ किसान सभा का एक प्रतिनिधिमंडल पखांजूर तहसीलदार से क्षेत्र के मक्का किसानों के भुगतान के बारें में प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यवाई के बारे जानकारी लेने के लिए मुलाकात करने पहुचे हुए थे।
तहसीलदार ने प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन द्वारा किए जा रहे पहलकदमी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर भगवान चाहे तो एक सप्ताह के भीतर किसानों का भुगतान हो सकता है।

किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने इस संदर्भ में कुछ ठोस सुझाव देते हुए तहसीलदार के कुछ बातों से अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि देश में गेहू की सरकारी खरीदी होती जो रबी फसल हैं।किसान सभा का स्पष्ट मानना हैं कि पखांजूर की इस स्थिति के लिए शासन-प्रशासन ही मुख्य रूप से जिम्मेदार है जो किसानों की मक्का का सरकारी खरीदी नहीं करती हैं।अगर सरकारी खरीदी होती तो किसानों को व्यापारी लूट नहीं सकते थे।

किसान सभा के राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी ने बताया कि किसानों के भुगतान के लिए प्रशासन अब भगवान पर निर्भर है जिससे प्रशासन की लाचारी ही झलक रहा हैं। प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से इस मामले में और कठोर रूख अख्तियार करने की आवश्यकता पर बल देने का आग्रह किया। तहसीलदार के साथ हुई चर्चा के दौरान जो बातें उभरकर सामने आया है उससे ऐसा प्रतीत होता कि व्यापारी सुमीत राय के प्रति तहसीलदार नरम रूख अपना रही हैं। तहसीलदार ने कहा कि व्यापारी सुनीत राय को व्यापार में घाटा हुआ है। वे नये-नये व्यापार करने लगे है इसलिए उसे बारीकी की कोई जानकारी नही थी। किसान सभा का मानना है कि तहसीलदार व्यापारी सुमीत राय का भाषा बोल रहे है और जनमानस में लुटेरे व्यापारी सुमीत राय के पक्ष में माहौल तैयार कर रहे हैं जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। जबकि व्यापारी सुमीत राय ने किसानों को अभी तक सिर्फ 18 करोड़ रूपये का भुगतान किया है और मक्का बिक्री कर कंपनियों सें व्यापारी सुमीत राय के बैंक खातों में 27 करोड़ रूपये का भुगतान हुआ दर्शाता हैं तो फिर व्यापारी को नुकसान कैसै हुआ? ऐसा प्रतीत होता है तहसीलदार इस पूरे मामले को लीपापोती करने में लगे हुए हैं।

प्रतिनिधिमंडल में सुखरंजन नंदी, नजीब कुरैशी, हरपाल सिंह, आदि शामिल थे। किसान सभा क्षेत्र के किसानों के बीच लगातार जनजागरण अभियान चला रही है। जिसके तहत किसानों की बैठकें लेकर परचा वितरण किए जा रहे हैं।

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