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रविवार, सितम्बर 28, 2025
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पेरियार रामास्वामी की जयंती पर विचार गोष्ठी: जातीय पूंजीवाद का अंत बाबा साहब के संविधान से ही संभव

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा द्वारा बालको नगर में महान क्रांतिकारी नेता पेरियार रामास्वामी की जयंती को ‘तर्कशील विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने जातीय पूंजीवाद और आतंकवाद को पेरियार, तथागत बुद्ध, और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के संवैधानिक मार्ग से ही खत्म करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल ऋषिकर भारती ने कहा कि पिछले 4,000 सालों से भारत में जातिवाद और ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म के रूप में पेश कर 1% विदेशी यूरेशियन आबादी ने 99% मूलनिवासी समाज को गुलाम बना रखा है। उन्होंने कहा कि इन शक्तियों ने हर सत्ता के साथ जुड़कर अपनी घटिया नीतियों को जारी रखा है, और यही कारण है कि गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, मुगलों और अंग्रेजों के शासनकाल में भी वे किसी न किसी रूप में मौजूद रहे।

श्री भारती ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को भारत का सच्चा संविधान बताया और उन तत्वों की कड़ी आलोचना की जो मनुस्मृति को भारत का पहला संविधान कहते हैं। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति एक तानाशाह का ग्रंथ है, जबकि किसी देश का संविधान उसके चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा बहुमत से बनाया जाता है। उन्होंने ऐसे लोगों को ‘देशद्रोही’ और ‘अंधभक्त’ बताया।

उन्होंने आगे कहा कि तमिलनाडु में पेरियार रामास्वामी ने इसी जातिवादी पाखंड के खिलाफ ‘द्रविड़ मूलनिवासी मुक्ति आंदोलन’ चलाया था, जो भगवान बुद्ध के तर्कशील शिक्षाओं पर आधारित था। भारती ने जोर देकर कहा कि आज भारत में तेजी से फैल रहे जातीय पूंजीवाद और आतंकवाद को केवल पेरियार और बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित बाबा साहब के संविधानवाद के रास्ते से ही समाप्त किया जा सकता है।

कार्यक्रम के केंद्रीय सचिव सुनील सुना ने अपने तमिलनाडु यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां के गैर-ब्राह्मण समाज के लोग पेरियार की वजह से काफी शिक्षित और प्रगतिशील हैं, और वे देश के बड़े पदों पर हैं। उन्होंने पेरियार के बलिदान को इस प्रगति का श्रेय दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं में जिला संयोजक क्रांति कुमार साव, संभागीय अध्यक्ष वासुदेव साहू, नवनियुक्त संभागीय महासचिव श्रवण सूर्यवंशी, और जिला कार्यवाहक अध्यक्ष संतोष खूंटे शामिल थे। संतोष खूंटे ने अपने अध्यक्ष गोपाल ऋषिकर भारती की सराहना करते हुए समाज के लोगों से उनके मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोग करने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में क्रांति कुमार साव ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थीं, जिन्होंने पेरियार के चित्र पर फूलमाला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और मिठाई व स्वल्पाहार का वितरण किया गया।

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