back to top
मंगलवार, जुलाई 29, 2025
होमआसपास-प्रदेश10 साल पहले जमीन अधिग्रहित, मुआवजा का इंतजार: राजस्व विभाग और एसईसीएल...

10 साल पहले जमीन अधिग्रहित, मुआवजा का इंतजार: राजस्व विभाग और एसईसीएल में जिम्मेदारी का झूलाझूल

लंबित जमीन अर्जन मामले में मुआवजा भुगतान की मांग, आंदोलन जारी

कोरबा। कोरबा के एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में कोयला उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। इस दौरान पाली अनुविभाग के हरदीबाजार तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत अमगांव के जोकाहीडबरी गांव के कुछ प्रभावित परिवारों के मकानों और संपत्तियों का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है। इसी मामले को लेकर पिछले तीन महीनों से आंदोलन चल रहा है। 

पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा गठित समिति ने इन परिवारों को मुआवजा देने की सिफारिश की थी। समिति में एसईसीएल गेवरा क्षेत्र, लोक निर्माण विभाग, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक संचालक उद्यान विभाग, तहसीलदार और उपतहसीलदार शामिल थे। समिति ने 142 परिवारों का मुल्यांकन किया था, जिसमें 31 परिवारों के अपनी निजी भूमि पर बने मकान और संपत्तियों को मुआवजे के लिए पात्र माना गया था।

हालांकि, एसईसीएल ने 51 परिवारों को ही अब तक मुआवजा दिया है। शेष परिवारों को मुआवजा न देने का कारण बताया जा रहा है कि उनके मकान सरकारी भूमि पर बने थे। लेकिन समिति ने पहले ही इन मकानों को निजी भूमि पर बना बताया था। इस विसंगति के चलते एसईसीएल मुआवजा भुगतान से इनकार कर रही है। 
आंदोलनकारी ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप का कहना है कि मुआवजा देने में देरी से प्रभावितों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कलेक्टर से 5 बिंदुओं पर आग्रह किया है, जिसमें जल्द से जल्द मुआवजा भुगतान की मांग शामिल है। वे मानते हैं कि किसी भी भूमि अधिग्रहण नीति में दूसरे की भूमि पर बने मकानों को मुआवजे से वंचित नहीं किया गया है। इसलिए इन परिवारों को भी उचित मुआवजा मिलना चाहिए। 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments