नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। राजधानी दिल्ली में UPSC की तैयारी कर रहे हजारों युवाओं के सपने इन दिनों एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं। राव आईएएस स्टडी सर्कल में तीन छात्रों की दुखद मृत्यु और एक अन्य छात्रा की आत्महत्या ने शहर के शैक्षणिक परिदृश्य को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं ने न केवल छात्रों के बीच गुस्से की लहर पैदा की है, बल्कि उनके सामने आने वाली दैनिक चुनौतियों पर भी ध्यान आकर्षित किया है।
करोल बाग जैसे इलाके, जो UPSC कोचिंग के लिए प्रसिद्ध हैं, में लगभग 50,000 छात्र रहते हैं। इन छात्रों के सामने सबसे बड़ी समस्या है लगातार बढ़ता किराया और ब्रोकरों द्वारा शोषण। छात्रों का आरोप है कि मकान मालिक मनमाने ढंग से किराया बढ़ाते हैं और विरोध करने पर तत्काल मकान खाली करने की धमकी देते हैं।
इसी समस्या से जूझते हुए महाराष्ट्र के अकोला की रहने वाली अंकिता गोपनारायण ने पिछले सप्ताह आत्महत्या कर ली। ओल्ड राजेंद्र नगर के ब्लॉक 10 में रह रही अंकिता UPSC की तैयारी कर रही थी। 21 जुलाई की शाम को उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। उसके सुसाइड नोट में किराए और ब्रोकर की समस्या का उल्लेख था, साथ ही सरकार से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
अंकिता के मामा अमर पात्रोडे ने बताया कि उसका मासिक किराया 15,500 रुपये था। गोवा से लौटने के तुरंत बाद मकान मालिक ने 3,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की मांग की और इनकार करने पर 1 अगस्त तक कमरा खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली अंकिता के लिए यह अतिरिक्त बोझ असहनीय हो गया।
इस घटना ने UPSC अभ्यर्थियों के समक्ष आने वाली व्यापक समस्याओं को उजागर किया है। ब्लॉक 10 के एक अन्य निवासी विशाल शिंदे ने कहा, “यहां रहने वाले अधिकांश छात्रों के लिए किराया और ब्रोकर एक बड़ी समस्या है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासद घटनाएं न हों।”
यह घटना UPSC अभ्यर्थियों के जीवन में छिपी चुनौतियों को सामने लाती है। जहाँ एक ओर वे देश की सेवा करने के सपने देखते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यह समय है कि सरकार और समाज मिलकर इन युवा प्रतिभाओं के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण सुनिश्चित करें, जिससे वे बिना किसी अतिरिक्त तनाव के अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर हो सकें।
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