कोरबा (पब्लिक फोरम)। कलेक्टर अजीत वसंत के नेतृत्व में कोरबा जिले में शासकीय निर्माण कार्यों में अनियमितता और देरी करने वाले पंचायतों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिले के विभिन्न अनुविभागों में विगत वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्यों के लिए जारी की गई राशि का उपयोग न करने वाले पंचायतों से वसूली सुनिश्चित की जा रही है।
क्यों और कैसे हो रही है वसूली?
सरकार द्वारा जारी राशि के बावजूद निर्माण कार्य प्रारंभ न करने या पूर्ण न करने वाले पंचायतों को जवाबदेह ठहराया गया है। इस मामले में संबंधित पंचायतों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं। सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों (एसडीएम) को निर्देशित किया गया है कि वे वसूली की प्रक्रिया को तीव्रता से आगे बढ़ाएं।
कटघोरा और पाली में शत-प्रतिशत वसूली
कटघोरा अनुविभाग में 17 पंचायतों से 30 लाख 90 हजार 200 रुपये की वसूली पूरी की जा चुकी है। पाली विकासखंड में 4 पंचायतों से 5 लाख 50 हजार 576 रुपये की राशि वसूली गई है। इन दोनों स्थानों पर पुराने मामलों में शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की गई है।
कोरबा और पोड़ी उपरोड़ा में प्रगति पर वसूली
कोरबा अनुविभाग में अब तक 11 लाख 21 हजार 475 रुपये की वसूली की गई है। वसूली प्रक्रिया अभी भी जारी है। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में 2 पंचायतों से 5 लाख 18 हजार रुपये की वसूली हो चुकी है और अन्य प्रकरणों में भी कार्यवाही प्रगति पर है।
सरकार की सख्ती का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी राशि के दुरुपयोग को रोकना और समय पर विकास कार्यों को पूरा करना है। प्रशासन का मानना है कि इन कदमों से पंचायतों में जवाबदेही बढ़ेगी और विकास कार्यों में तेजी आएगी।
यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि सरकार अब पंचायत स्तर पर वित्तीय अनुशासन को लेकर अधिक सख्त हो रही है। वसूली की प्रक्रिया न केवल वित्तीय गड़बड़ियों को नियंत्रित करने में सहायक होगी, बल्कि यह ग्रामीण विकास कार्यों में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी।
सरकारी धन का सही उपयोग न केवल विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह नागरिकों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी भी है। प्रशासन की यह पहल न केवल जवाबदेही को बढ़ावा देगी, बल्कि भविष्य में वित्तीय अनियमितताओं को रोकने का एक उदाहरण भी बनेगी।
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