खरसिया(पब्लिक फोरम)। तिगड़िया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का छठवां दिन कृष्ण रुक्मणी विवाह की सुंदर झांकी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कथावाचक पंडित गोविंद बाबा महाराज ने उधव चरित्र, महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया।
कृष्ण रुक्मणी विवाह की झांकी
आयोजक की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई, जिसमें विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया। यह झांकी सबका मन मोहने वाली थी और उपस्थित श्रद्धालुओं ने इसका भरपूर आनंद लिया।
महारासलीला का वर्णन
कथावाचक ने महारासलीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इच्छा को पूरा करने के लिए महारास का आयोजन किया था। इस दौरान भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जिसमें जितनी गोपियां थीं, उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए थे।
रुक्मिणी विवाह का वर्णन
रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया था।
कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को भक्ति का अनुभव हुआ।
इस आयोजन की विशेषता यह है कि यह श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से लोगों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके जीवन के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। आयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं ने इसका भरपूर आनंद लिया और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गए।
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