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कोरबा में सुशासन तिहार पर उठे गंभीर सवाल: पानी-बिजली संकट और लंबित कार्यों से जनता बेहाल

नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने साधा निशाना, कहा- समाधान शिविर सिर्फ नाकामी छुपाने का बहाना

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार ‘सुशासन तिहार’ और ‘समाधान शिविर’ के माध्यम से जनता तक पहुंचने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर कोरबा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने इन आयोजनों की जमीनी हकीकत पर गंभीर सवाल उठाए हैं। श्री साहू का आरोप है कि बालकोनगर सहित पूरे जिले में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, बिजली दिन में 10 बार गुल हो रही है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये ‘सुशासन तिहार’ केवल अपनी नाकामी छुपाने का एक तरीका है।

जल-बिजली संकट से जूझ रही जनता
नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने अपनी बात को विस्तार से रखते हुए बताया कि कोरबा की जनता इन दिनों भीषण जल संकट और अनियमित बिजली कटौती से त्रस्त है। गर्मी अपने चरम पर है और ऐसे में पानी की किल्लत लोगों की परेशानी को और बढ़ा रही है। बिजली की लगातार कटौती से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, बावजूद इसके कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा।

अधिकारी नदारद, फाइलों पर नहीं हो रहे हस्ताक्षर
साहू ने निगम प्रशासन पर भी निशाना साधा। उन्होंने बताया कि नगर निगम आयुक्त पिछले 18 दिनों से IAS ट्रेनिंग के लिए बाहर हैं, जिसके कारण किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से ठेकेदार परेशान हैं और यहां तक कि पार्षदों को भी उनका वेतन नहीं मिला है। यह स्थिति शहर के विकास कार्यों में बाधा डाल रही है और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करती है।

पूर्व के समाधान शिविरों का भी नहीं हुआ निराकरण
नेता प्रतिपक्ष ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने 2024 में भी जन समस्या निवारण शिविर लगाए थे, लेकिन उस दौरान लोगों से लिए गए आवेदनों का निराकरण आज तक नहीं हो सका है। उनका कहना है कि वर्तमान में चल रहे ‘सुशासन तिहार’ के तहत भी नगर निगम के अधिकारी बड़ी मांगों का निराकरण करने में असमर्थ दिख रहे हैं। राशन कार्ड, बिजली, और गली से कचरा उठाने जैसी सामान्य शिकायतों को सुलझाकर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, जबकि जनता की बड़ी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

पट्टा वितरण और प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी सवाल
कृपाराम साहू ने पट्टा वितरण को लेकर वर्तमान विधायक और श्रम मंत्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में सभी पात्र लोगों को पट्टा देने का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को पट्टा नहीं दिया गया है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निगम क्षेत्र में निर्माण कार्य भी बंद पड़े हुए हैं, जिससे हजारों गरीबों के आवास का सपना अधूरा है।

नई शराब दुकानों पर सरकार को घेरा
सबसे तीखा हमला कृपाराम साहू ने 67 नई शराब दुकानें खोलने के राज्य सरकार के फैसले पर किया। उन्होंने इसे ‘सुशासन तिहार’ के नाम पर जनता को गुमराह करने वाला कदम बताया। कृपाराम साहू ने कहा कि अगर सरकार वाकई सुशासन चाहती है तो उसे लोगों से आवेदन लेने के बजाय तत्काल समाधान करना चाहिए। उनका स्पष्ट कहना था कि यह ‘सुशासन तिहार’ और ‘समाधान शिविर’ केवल भाजपा सरकार द्वारा अपनी विफलताओं और नाकामी को छुपाने के लिए किए जा रहे दिखावे मात्र हैं।
यह स्थिति कोरबा की जनता के लिए एक बड़ी चुनौती है, जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है और सरकार के दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर दिखाई दे रहे हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि सरकार इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या जनता की समस्याओं का स्थायी समाधान निकल पाता है।

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