कोरबा (पब्लिक फोरम)। एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) कुसमुंडा क्षेत्र के प्रभावित गांवों के भू-विस्थापितों ने गुरुवार को कोल इंडिया के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा कार्यालय का घेराव किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा किया गया।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
भू-विस्थापितों ने निम्नलिखित मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की:
रोजगार संबंधी मांगें:
- लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निस्तारण
- आउटसोर्सिंग कार्यों में प्राथमिकता के आधार पर भू-विस्थापितों को रोजगार प्रदान करना
मुआवजा और भूमि संबंधी समस्याएं:
- पुराने और नए नाम के आधार पर हो रही मुआवजा कटौती को तुरंत बंद करना
- भूमि वापसी की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना
पुनर्वास और बसावट की समस्याएं:
- विस्थापित सभी परिवारों को उचित बसावट प्रदान करना
- पुनर्वास स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करना
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोयला खनन परियोजनाओं के कारण उजड़े परिवारों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। वे चाहते हैं कि कंपनी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझे और विस्थापितों की समस्याओं का स्थायी समाधान करे।
आगे की कार्य योजना
संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भू-विस्थापितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वे निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।
यह घटना एक बार फिर से औद्योगिक विकास और स्थानीय समुदाय के हितों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को रेखांकित करती है।
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