back to top
गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
होमआसपास-प्रदेशकोरबा: त्रिपक्षीय वार्ता में एसईसीएल ने दी पेयजल समस्या के स्थायी समाधान...

कोरबा: त्रिपक्षीय वार्ता में एसईसीएल ने दी पेयजल समस्या के स्थायी समाधान की आश्वासन

बांकी बस्ती में पाइपलाइन से जल आपूर्ति का सर्वेक्षण प्रारंभ

कोरबा (पब्लिक फोरम)। बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित गांवों—बांकी बस्ती, मड़वाढोढा, और पुरैना में एसईसीएल द्वारा जल आपूर्ति बंद किए जाने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बांकी बस्ती के पास चक्काजाम किया। चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ और रात 9 बजे तक चला। दो दौर की वार्ता विफल होने के बाद कटघोरा तहसीलदार और एसईसीएल कोरबा के अधिकारियों द्वारा एसडीएम कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता के पश्चात् पानी की समस्याओं के स्थायी समाधान का आश्वासन मिलने पर चक्काजाम समाप्त हुआ।
कटघोरा एसडीएम कार्यालय में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता में कटघोरा एसडीएम सरोज कुमार महिलांगे, कोरबा सिविल एसओ भानु सिंह, सुराकछार सबएरिया मैनेजर पी मावावाला, माकपा प्रतिनिधिमंडल से प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, अजीत सिंह कंवर, दामोदर, दीपक साहू, बजरंग दास, जीर्बोधन, और शिव पाल उपस्थित थे। बैठक में माकपा ने खदान प्रभावित गांवों—बांकी बस्ती, पुरैना, और मड़वाढोढा में पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की पूर्व व्यवस्था बहाल करने की मांग की।

एसडीएम ने प्रबंधन से प्रभावित गांवों में शीघ्र जल आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। एसईसीएल कोरबा के अधिकारियों ने बताया कि बांकी बस्ती में पुनः पाइपलाइन से पानी देने का सर्वे किया गया है और जल्द ही जिला प्रशासन के साथ मिलकर पानी की व्यवस्था बहाल की जाएगी। मड़वाढोढा और पुरैना गांवों में नए बोरहोल के लिए सिविल विभाग ने आश्वासन दिया। माकपा नेता प्रशांत झा ने चेतावनी दी कि यदि पानी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हुआ, तो अनिश्चितकालीन चक्काजाम होगा।

कोयला खनन के कारण खनन प्रभावित गांवों में जल स्तर काफी गिर चुका है। एसईसीएल ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अब तक पीने, निस्तारी, और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की थी। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद से जल आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 11 घंटे के चक्काजाम के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।
माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों से किनारा कर रही है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि यदि तीनों गांवों को पानी नहीं मिला, तो ग्रामीण अनिश्चितकालीन कोयला परिवहन बंद करेंगे।

प्रमुख मांगे:
1. बांकी बस्ती और पुरैना गांव में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल सप्लाई पुनः चालू की जाए।
2. बांकी बस्ती, मड़वाढोढा, और पुरैना में तालाबों को खदान से पाइपलाइन के माध्यम से सालभर भरने की व्यवस्था की जाए।
3. इन गांवों में जहां अंडरग्राउंड पानी का भराव ज्यादा है, वहां बोरहोल कर मोटर पंप लगाकर तालाबों को भरने और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाए।
4. प्रभावित गांवों में बोरहोल में सबमर्शिबल पंप लगाकर पेयजल आपूर्ति की जाए।
माकपा ने चेतावनी दी कि यदि एसईसीएल ने पेयजल समस्या को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और उग्र आंदोलन होगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments