सोमवार, अक्टूबर 7, 2024
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SECL भी अपने काले कानून वापस ले: भू विस्थापित किसानों ने 21 वें दिन जारी धरना स्थल से कहा

” काले कृषि कानूनों की वापसी पर मिठाई बांटकर मनाई खुशियां “

कोरबा (पब्लिक फोरम)। बरसों पहले कोयला खनन के लिए भूमि अधिग्रहण की एवज में रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर भू विस्थापित किसानों का अनिच्छित कालीन धरना 22 वें दिन प्रवेश कर गया।

कुसमुंडा क्षेत्र के सैकड़ों भू विस्थापित किसानों ने 31 अक्टूबर को कुसमुंडा खदान को 12 घंटों तक उत्पादन कार्य को पूर्ण रूप से ठप्प कर दिया था जिसके बाद प्रबंधन द्वारा एक माह में भू विस्थापितों की समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया लेकिन भू विस्थापित किसानों को प्रबंधन के आश्वासन पर भरोसा नहीं है क्योंकि अपनी जमीन खोने के बाद भी किसान रोजगार के लिए भटक रहे हैं और हड़ताल के दूसरे दिन से ही कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने ही रोजगार एकता संघ के बेनर तले तंबू तान कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है।

धरना के 20 वें दिन किसान विरोधी काले कानूनों को प्रधानमंत्री द्वारा वापस लेने की घोषणा के बाद भू विस्थापितों ने धरना स्थल में सभी को मिठाई बांट कर किसानों की ऐतिहासिक जीत पर खुशी जाहिर करते हुए भू विस्थापितों के आंदोलन को और तेज करने का संकल्प भी लिया।

20 वें दिन चल रहे धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सहसचिव दीपक साहू ने कहा कि देश के आजादी के बाद किसानों की संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में ऐतेहासिक आंदोलन की जीत है जिससे किसानों ने सरकार को किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने पर मजबूर किया।

धरना को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जीत का श्रेय किसानों और इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रहे संयुक्त किसान मोर्चे को जाता है इस जीत से कोरबा जिले के किसानों भू विस्थापितों में खुशी है और जिले में भू विस्थापितों के चल रहे आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है जिस प्रकार देश के किसानों ने देश के प्रधानमंत्री को काले कानून वापस लेने पर मजबूर किया है वैसे ही कोरबा जिले के भूविस्थापित किसान भी एसईसीएल के काले कानूनों को बदलने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहे शोषण के खिलाफ किसानों के पास संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है और शोषितों की जीत सुनिश्चित है।

धरना को किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप, दामोदर, अमरपाल,रेशम ने भी संबोधित किया धरना में प्रमुख रूप से पुरषोत्तम कौशिक, मोहनलाल कौशिक,बलराम, हरि कैवर्त, दीनानाथ कौशिक, चंद्रशेखर, अश्वनी,पंकज, सनत कुमार, नारायण, सहोरिक,बजरंग सोनी,अशोक साहू,दीपक,रघु,हरियर के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित थे।
रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम ने सभी को प्रधानमंत्री द्वारा किसान विरोधी कानून को वापस लेने की घोषणा पर मिठाई बांट कर भू विस्थापितों को एसईसीएल के शोषण के खिलाफ बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा।

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