कोरबा (पब्लिक फोरम)। हसदेव नदी और जंगल को बचाने के उद्देश्य से निकली “हसदेव बचाओ पदयात्रा” आज खमहरिया से कोरबा शहर में प्रवेश करेगी। यह पदयात्रा 24 नवंबर को बिलासपुर के नेहरू चौक से शुरू हुई थी और आज अपने आठवें दिन में है। इस जन आंदोलन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), किसान सभा, भू-विस्थापित संघ, आदिनिवासी गण परिषद सहित कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी है।
कहां से कहां तक पहुंचेगी पदयात्रा?
आज सुबह 10 बजे यह पदयात्रा ग्राम खमहरिया से शुरू होकर कोरबा के सर्वमंगला मंदिर, ट्रांसपोर्ट नगर और सीएसईबी चौक होते हुए शहर में प्रमुख स्थलों पर पहुंचेगी। पदयात्रा का उद्देश्य हसदेव अरण्य और नदी के संरक्षण के लिए जन जागरूकता फैलाना है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पदयात्रा?
हसदेव अरण्य, छत्तीसगढ़ का एक अनमोल प्राकृतिक धरोहर, आज खनन और औद्योगिक गतिविधियों के कारण संकट में है। यहां के जंगल न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि हजारों आदिवासियों और किसानों की आजीविका का आधार भी हैं। हसदेव नदी इस क्षेत्र की जीवनरेखा है, जो कृषि और पेयजल के लिए अनिवार्य है। ऐसे में इस पदयात्रा का उद्देश्य इन प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए सरकार और जनता का ध्यान आकर्षित करना है।
जनता से अपील: अधिक से अधिक संख्या में हों शामिल
हसदेव बचाओ आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कोरबा की जनता से अपील की है कि वे इस पदयात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। यह सिर्फ जंगल और नदी बचाने का आंदोलन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की रक्षा का प्रयास है।
यह पदयात्रा न केवल हसदेव अरण्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है, बल्कि यह लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी एक माध्यम है। कोरबा के नागरिकों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है कि वे इस जन संघर्ष में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और प्रकृति की रक्षा के इस आंदोलन को मजबूत बनाएं।
Recent Comments