शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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16 पंचायतों के सरपंचों पर 40 लाख के घोटाले का आरोप: रिकवरी प्रक्रिया शुरू, विकास कार्य लटके

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले की 16 ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आवंटित मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना और जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग सामने आया है। इन पंचायतों के तत्कालीन सरपंचों और सचिवों पर विकास कार्यों में अनियमितता बरतने और 40 लाख रुपये दबाकर रखने का आरोप है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले प्रशासन ने सरकारी धन की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिला कलेक्टर के सख्त आदेशों के बाद जनपद पंचायत सीईओ ने एसडीएम कार्यालय को पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत 17 प्रकरण भेजे हैं। इन प्रकरणों में संबंधितों से 40 लाख 64 हजार 668 रुपये की वसूली होनी है। नोटिस जारी होते ही आरोपियों ने धनराशि समायोजित करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

कटघोरा ब्लॉक में सबसे ज्यादा मामले
जनपद पंचायत कटघोरा के अनुसार, यहां की 9 ग्राम पंचायतों के 10 मामलों में 23 लाख 54 हजार 100 रुपये की वसूली होनी है। जिन ग्राम पंचायतों में डीएमएफ फंड मिलने के बावजूद विकास कार्य नहीं हुए, उनमें तेलसरा, नवापारा, रंजना, कसईपाली, मौहाडीह, डोंगरी, कोलिहामुड़ा, जवाली, और सलोरा (ख) शामिल हैं।
इन पंचायतों के सरपंचों को 05 अगस्त 2024 को भेजे गए प्रकरण के आधार पर नोटिस जारी किया गया है। कई मामलों में आरोपियों ने काम शुरू कर दिया है, जबकि कुछ मामलों में अभी रिकवरी होनी बाकी है।

करतला ब्लॉक में वसूली की स्थिति
करतला ब्लॉक के पांच ग्राम पंचायतों के सरपंचों पर 9 लाख 80 हजार 668 रुपये की सरकारी धनराशि का बकाया है। इनमें से 6 लाख 97 हजार 2 रुपये मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना से जुड़े हैं, जबकि 2 लाख 83 हजार 666 रुपये डीएमएफ से संबंधित हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इन पंचायतों को विभिन्न विकास कार्यों के लिए धनराशि जारी की गई थी, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया।

डीएमएफ फंड से बने अधूरे प्रोजेक्ट
ग्राम पंचायत बरपाली और सुखरीखुर्द के सरपंचों पर डीएमएफ से जारी धनराशि में अनियमितता का आरोप है। छह साल बाद भी यहां स्वीकृत कार्यों की नींव तक नहीं रखी गई। संबंधित जनपद सीईओ ने जून 2024 में एसडीएम कार्यालय को प्रकरण भेजा है।

कोनकोना में प्राथमिक शाला का काम अधूरा
पोंडीउपरोड़ा जनपद के अनुसार, ग्राम पंचायत कोनकोना के तत्कालीन सरपंच और सचिव पर 3 लाख 48 हजार रुपये दबाए रखने का आरोप है। यहां प्राथमिक शाला भवन निर्माण के लिए 10 लाख 85 हजार की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया।

अधिकारियों के बयान
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सरकारी धन की वसूली उनकी प्राथमिकता है और इसे चुनाव से पहले पूरा किया जाएगा।
कटघोरा के एसडीएम रोहित सिंह ने बताया कि वसूली का कार्य लगभग पूरा हो चुका है या काम शुरू हो गया है।

पोंडी उपरोड़ा के एसडीएम टी आर भारद्वाज ने कहा कि दो मामलों में कुछ राशि पहले ही जमा करा दी गई है, और बाकी की वसूली प्रक्रियाधीन है।

अवसंरचना की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की मांग
कलेक्टर अजीत वसंत सरकारी धन की वसूली को लेकर संजीदा हैं और बार-बार अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि चुनाव से पहले वसूली प्रक्रिया पूरी की जाए। हालांकि, इस दिशा में अन्य जनपदों में सख्ती की कमी दिखाई दे रही है।

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