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रायगढ़ में चरमराई सफाई व्यवस्था: बीमारियों का खतरा और गहराता जन आक्रोश!

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। रायगढ़ शहर की सफाई व्यवस्था इन दिनों बदहाल है, खासकर वार्ड क्रमांक 19 के व्यस्त इलाकों में। गांधी गंज, संजय कॉम्प्लेक्स, मंदिर चौक और इतवारी बाजार जैसी प्रमुख जगहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी नाराजगी और बीमारियों का डर बढ़ता जा रहा है। पिछले कई दिनों से न तो इन क्षेत्रों में नियमित सफाई हुई है और न ही कचरा उठाने की कोई ठोस व्यवस्था दिखाई दे रही है।

बदहाली की वजह: निगम प्रशासन पर उठे सवाल
इस गंभीर स्थिति के लिए सीधे तौर पर नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कांग्रेस की पूर्व पार्षद प्रत्याशी शालू अग्रवाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नगर निगम ने सफाई कर्मियों को उनके नियमित सफाई कार्यों से हटाकर तोड़फोड़ दस्ते में लगा दिया है। इसी लापरवाही के कारण पूरे वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है।” अग्रवाल ने चेतावनी दी कि यह अनदेखी भविष्य में डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों को न्योता दे सकती है, जिससे शहर के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट आ सकता है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल प्रभाव से सफाई व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है।

जनजीवन प्रभावित, स्वास्थ्य पर खतरा
स्थानों पर जमा कचरा न केवल गंदगी फैला रहा है बल्कि असहनीय दुर्गंध भी उत्पन्न कर रहा है। दिनभर की भागदौड़ के बाद शाम को जब लोग अपने घरों को लौटते हैं, तो उन्हें कचरे के ढेरों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर रही है, क्योंकि गंदगी के कारण ग्राहक इन इलाकों में आने से कतरा रहे हैं। स्थानीय नागरिक भी लगातार मांग कर रहे हैं कि वार्ड में नियमित सफाई की जाए और नगर निगम प्रशासन अपनी प्राथमिकताओं को समझे। उनका कहना है कि यदि जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले दिनों में शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

नागरिकों की अपील: त्वरित कार्रवाई की उम्मीद
यह सिर्फ वार्ड 19 की बात नहीं है, बल्कि यह पूरे शहर के लिए चिंता का विषय है। शहर की साफ-सफाई सीधे तौर पर उसके नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता से जुड़ी है। ऐसे में, नगर निगम प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह नागरिकों की इस मूलभूत आवश्यकता को पूरा करे।

अब देखना यह है कि प्रशासन इस बढ़ती हुई समस्या पर कब तक संज्ञान लेता है और शहर को इस गंदगी के दलदल से बाहर निकालने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है। क्या रायगढ़ के नागरिक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में सांस ले पाएंगे?

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