सारंगढ़-बिलाईगढ़ (पब्लिक फोरम)। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) को लेकर कलेक्टर धर्मेश साहू ने गंभीर रुख अपनाया है। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने निजी स्कूलों को कड़ी चेतावनी दी है।
कलेक्टर साहू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आरटीई के तहत दाखिल छात्रों की स्थिति का जायजा लें। उन्होंने कहा, “यह पता लगाएं कि कितने बच्चों ने निजी स्कूल छोड़कर दूसरे स्कूलों में दाखिला लिया है और क्यों। यदि बेहतर शिक्षा के लिए ऐसा किया गया है, तो यह स्वीकार्य है।”
निजी स्कूलों को लेकर कलेक्टर ने कड़े निर्देश जारी किए:
1. फीस निर्धारण नियमानुसार होना चाहिए।
2. किसी विशेष दुकान से ड्रेस या किताबें खरीदने के लिए छात्रों को मजबूर न किया जाए।
3. आरटीई छात्रों के साथ भेदभाव या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर ने चेतावनी दी, “यदि कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है या छात्रों को शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान करता है, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।”
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी वर्षा बंसल, बीईओ नरेश जांगड़े, समग्र शिक्षा के जिला नोडल अधिकारी शोभाराम पटेल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और शिक्षक मौजूद थे।
यह कदम शिक्षा के अधिकार को मजबूत करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कलेक्टर की यह कार्रवाई निजी स्कूलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी।
शिक्षा का अधिकार: सारंगढ़ कलेक्टर की सख्त कार्रवाई, निजी स्कूलों पर कसा शिकंजा
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