back to top
बुधवार, जनवरी 22, 2025
होमआसपास-प्रदेशउत्तराखंड के राज्यपाल से मिले इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि:...

उत्तराखंड के राज्यपाल से मिले इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि: सकारात्मक कार्यवाही का मिला आश्वासन

देहरादून। उत्तराखंड शासन के महामहिम राज्यपाल से इंडिया गठबंधन और सिविल सोसायटी उत्तराखंड के प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर हल्द्वानी कांड के संबंध में सौंपे ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया किया है कि हल्द्वानी में 08 फरवरी 2024 को हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी इस हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं और शांति कायम करने की अपील करते हैं।

उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की हिंसा की घटना पहली बार हुई है। अचानक इतने बड़े पैमाने पर हिंसा का फैलना, हिंसा के कारणों और उसके होने की परिस्थिति की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
अतः हम यह मांग करते हैं कि इस घटना की न्यायिक जांच, उच्च न्यायलय के सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जाए।

इतनी भीषण हिंसा की घटना में प्रथम दृष्टया प्रशासन की लापरवाही, जल्दबाजी, निष्पक्षता और बल प्रयोग करने को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। अतः नैनीताल जिले के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाया जाए।

महामहिम, अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर पिछले एक साल से चल रही कार्यवाहियां गंभीर सवालों के घेरे में हैं। बिना नोटिस के कार्यवाही से लेकर पक्षपातपूर्ण और गैर कानूनी कार्यवाही तक की घटनाएँ सामने आई हैं.जिस प्रकरण में हल्द्वानी में हिंसा हुई है, वह मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है और उसकी अगली तारिख 14 फरवरी 2024 को है। इसके बावजूद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की कोशिश हुई। इस तरह की निरंकुश कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए. किसी भी कार्यवाही को करते हुए पुनर्वास, नोटिस, सुनवाई और संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाना चाहिए. किसी को भी बेघर नहीं किया जाना चाहिए।

भीषण हिंसा की इस घटना से निपटने के नाम पर भीषण पुलिसिया प्रतिहिंसा नहीं होनी चाहिए। इस घटना से निपटने के नाम पर होने वाली हर कार्यवाही कानून और संविधान के दायरे के अंदर होनी चाहिए। आपसे निवेदन है कि राज्य सरकार और प्रशासन को निर्देशित करें कि उनकी कोई भी कार्यवाही संविधान और कानून के दायरे में ही हो।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments