कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा (पं.क्र. 2855) द्वारा रविवार को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत गोंडवाना कैलेंडर 2025 का भव्य विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आदिवासी महासम्मेलन की जिला अध्यक्ष श्रीमती जे.बी. कारपे ने की। इस मौके पर जिले भर से आए संगठन के पदाधिकारी और गोंड समाज के प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान गोंड समाज के संरक्षक डॉ. एम. सिंह कुशरो ने बताया कि बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि गोंड समाज को और अधिक संगठित करने के लिए सदस्यता अभियान पर जोर दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष श्रीमती जे.बी. कारपे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “गोंड समाज के सुख-दुख में साथ खड़ा होना हमारा मुख्य उद्देश्य है। प्रत्येक तहसील स्तर पर गोंड समाज के विस्तार के लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि कैलेंडर न केवल समय का प्रतीक है, बल्कि यह सदस्यों से संवाद और संपर्क का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कैलेंडर का वितरण प्राथमिकता के साथ किया जाए ताकि यह सभी सदस्यों तक समय पर पहुंच सके।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों और समाज के वरिष्ठ जनों ने कैलेंडर की सराहना करते हुए इसे आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार का एक मजबूत जरिया बताया। इस मौके पर पदाधिकारियों को तहसील स्तर तक संगठन को विस्तार देने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
गोंडवाना कैलेंडर 2025 का विमोचन न केवल एक प्रतीकात्मक कार्यक्रम था, बल्कि यह समाज को एकजुट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कैलेंडर में आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और महत्वपूर्ण तिथियों को दर्शाया गया है, जो समाज को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का प्रयास करता है।
विमोचन समारोह में गोंड समाज के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। इनमें डॉ. दयाराम ध्रुव, केजा राम मरकाम, पवन मरकाम, सर्जुन सिंह जगत, दिनेश कुर्वेति, एस.आर. सिदार, परमानंद टेकाम, समयलाल गोंड, श्यामलाल सिदार, गौतम सिदार, सुखराम नेताम, पार्वती नेताम, धन कुंवर गोंड सहित कई महिला पदाधिकारी और युवा सदस्य शामिल रहे।
गोंडवाना कैलेंडर 2025 का विमोचन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह गोंड समाज को एकजुट करने, संस्कृति के संरक्षण और आने वाले पीढ़ियों को अपनी परंपरा से परिचित कराने का सार्थक प्रयास है। यह कार्यक्रम समाज में सद्भाव, सहयोग और समर्पण की भावना को और मजबूत करेगा।
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