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रविवार, नवम्बर 16, 2025
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लाल किला धमाका: अब तक 8 की मौत, 24 घायल – दिल्ली हाई अलर्ट पर, NIA-NSG ने संभाली जाँच

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। शुरुआती रिपोर्टों में जहाँ किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी, वहीं अब तक की आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस घटना में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 24 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को तुरंत एलएनजेपी (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है।

जाँच एजेंसियाँ सक्रिय, NIA और NSG की टीमें मौके पर
धमाके की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीमें मौके पर पहुँच गईं। पूरे क्षेत्र को सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है।
फॉरेंसिक विशेषज्ञ और बम निरोधक दस्ते विस्फोट के तकनीकी पहलुओं की जाँच कर रहे हैं। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि घटना की सटीक वजह और संभावित संदिग्धों का पता लगाया जा सके।

धमाके की प्रकृति संदिग्ध, जांच में सतर्कता
जाँच अधिकारियों के अनुसार यह विस्फोट उच्च तीव्रता (High-Intensity Blast) का था। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि धमाके के बाद कार के पुर्जे दूर-दूर तक बिखर गए।
हालाँकि, अधिकारियों ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि विस्फोट कार में लगी सीएनजी सिलेंडर से हुआ या इसमें विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग किया गया था। फिलहाल किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।

दिल्ली सहित कई राज्यों में हाई अलर्ट
घटना के बाद दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजधानी के सभी प्रमुख स्थानों — संसद भवन, इंडिया गेट, एयरपोर्ट, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों — में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
साथ ही, मुंबई, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार में भी सतर्कता बढ़ाई गई है, ताकि किसी संभावित श्रृंखलाबद्ध घटना को रोका जा सके।

2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामदगी से उठे सवाल
यह धमाका ऐसे समय हुआ है जब आज ही फरीदाबाद में 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया है — जो बम निर्माण में प्रयुक्त एक खतरनाक रासायनिक पदार्थ है।
हालाँकि, जाँच एजेंसियाँ फिलहाल इन दोनों घटनाओं के बीच कोई सीधा संबंध जोड़ने से बच रही हैं, परंतु समय और स्थान की समानता ने सुरक्षा तंत्र की चिंता अवश्य बढ़ा दी है।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिकता – साजिश या हादसा?
प्रारंभिक जांच का मुख्य केंद्र यह है कि क्या यह धमाका योजनाबद्ध आतंकी साजिश थी या तकनीकी त्रुटि का परिणाम। एजेंसियाँ आसपास के वाहनों, मोबाइल लोकेशन और विस्फोटक सामग्री के सैंपल का वैज्ञानिक विश्लेषण कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा – “जाँच प्रारंभिक चरण में है, किसी निष्कर्ष पर पहुँचना अभी उचित नहीं होगा। हर कोण से पड़ताल जारी है।”

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