शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से दूरस्थ क्षेत्रों की शालाओं को मिला संबल, शिक्षा व्यवस्था में आया संतुलन
कोरबा (पब्लिक फोरम)।
कोरबा जिले में शिक्षकों और शालाओं के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर कलेक्टर अजीत वसंत ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रेस वार्ता की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक का पद समाप्त नहीं हुआ है और न ही किसी की सेवा समाप्त की गई है। इसके विपरीत, दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों की शालाओं को पहली बार दो शिक्षकों की सुविधा प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
कलेक्टर ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ की गई है और इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को अधिक समावेशी और संतुलित बनाना है। पाली और पोड़ी उपरोड़ा जैसे दूरस्थ विकासखंडों की प्राथमिक शालाओं में दो-दो शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, जिले के सभी मिडिल स्कूलों में कम से कम तीन शिक्षकों की उपलब्धता कराई गई है, जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार व्याख्याताओं की पदस्थापना भी सफलतापूर्वक की गई है।

कलेक्टर ने जानकारी दी कि समायोजन की प्रक्रिया के अंतर्गत, एक ही परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के विलय के पश्चात 287 सहायक शिक्षक, 14 प्रधान पाठक (प्राथमिक), 147 शिक्षक, 4 प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक), और 75 व्याख्याता अतिशेष हो गए थे। इन सभी शिक्षकों की चरणबद्ध काउंसलिंग कर नई पदस्थापना की गई है।

राज्य शासन द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार काउंसलिंग में वरिष्ठता, आयु, महिला, विकलांग, सीएससी तथा शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को प्राथमिकता दी गई। विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को प्राथमिकता दी गई, जिससे शिक्षा की पहुंच बढ़े और छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित बना रहे।
कलेक्टर श्री वसंत ने यह भी बताया कि वर्तमान में जिले में केवल 90 प्राथमिक शालाएं एकलशिक्षकीय रह गई हैं, जिनकी सूची राज्य शासन को भेजी गई है। इन विद्यालयों में निर्धारित मानकों के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) से इन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की अस्थायी व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी भी स्थिति में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित न हो।
प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने युक्तियुक्तकरण से जुड़ी भ्रांतियों और अफवाहों पर भी स्पष्ट जवाब देते हुए पत्रकारों की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग, जिला शिक्षा अधिकारी टी.पी. उपाध्याय, कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेन्द्र जायसवाल सहित विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार, ब्यूरो प्रमुख एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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