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राखड़ डेम विवाद: एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ धनरास के ग्रामीणों का प्रदर्शन, रोजगार और पारदर्शिता की मांग!

कोरबा (पब्लिक फोरम): एनटीपीसी प्रबंधन की मनमानी और रोजगार की मांग को लेकर ग्राम धनरास के युवाओं ने छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के बैनर तले, प्रदेश महासचिव लक्ष्मी कँवर के नेतृत्व में 12 सितंबर 2024 को एनटीपीसी राखड़ बांध में चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान राखड़ परिवहन को बंद करवा दिया गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

प्रदर्शन की शुरुआत और मांगें:
प्रदर्शन से पहले ही युवाओं ने प्रशासन को चक्का जाम की सूचना दे दी थी। एनटीपीसी प्रबंधन ने युवाओं को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन 11 सूत्रीय मांगों में से रोजगार से संबंधित मुद्दों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। नाराज युवाओं ने डेम पर पहुंचकर राखड़ परिवहन में लगे वाहनों को रोक दिया और डेम में चल रहे कार्यों को बंद करवा दिया।

प्रदर्शन स्थल पर तनाव
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कटघोरा थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों की समस्याओं को सुना और प्रबंधन को मौके पर बुलाने की बात कही। काफी देर बाद प्रबंधन के अधिकारी पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच चर्चा हुई। थाना प्रभारी ने सुझाव दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक कर मुद्दों को सुलझाया जाए। इसके बाद दोनों पक्षों ने बैठक करने पर सहमति जताई और प्रदर्शन समाप्त किया।

प्रबंधन की मनमानी के आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी द्वारा 1500 एकड़ भूमि में राखड़ डेम का निर्माण किया गया है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों से राख का परिवहन किया जाता है। लेकिन, स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय बाहरी मजदूरों को रखा गया है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें सरकारी दरों पर भुगतान नहीं किया जा रहा और भुगतान का एक हिस्सा ठेकेदार वापस मांग लेते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि प्रबंधन और ठेकेदारों की मिलीभगत से मजदूरों का शोषण हो रहा है।

पूर्व सरपंच की शिकायत
पास के ग्राम पंचायत लोत लोता के पूर्व सरपंच ने आरोप लगाया कि एनटीपीसी प्रबंधन उच्च न्यायालय और अनुविभागीय अधिकारी के आदेशों की भी अवहेलना कर रहा है। उन्होंने बताया कि पुनर्वास मुआवजा राशि और सेवा शुल्क की मांग को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया है, जिससे प्रबंधन की मनमानी साफ झलकती है।

प्रदर्शन के प्रमुख मुद्दे
1. सीपेज राशि में वृद्धि और समय पर भुगतान।
2. राखड़ उड़ने से होने वाली क्षति की भरपाई और ओवरलोड गाड़ियों पर कार्रवाई।
3. ग्राम पंचायत धनरास में शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली और अन्य सुविधाओं की सुनिश्चितता।
4. बेरोजगार युवाओं को रोजगार और बाहरी लोगों को हटाने की मांग।
5. स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और नियमित स्वास्थ्य कैंप की व्यवस्था।
6. पशु हानि की भरपाई में पारदर्शिता।
7. सड़क मरम्मत और नहर की साफ-सफाई का आश्वासन।

ग्रामीणों की मांग है कि प्रबंधन उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुने और उन्हें जल्द से जल्द हल करे। एनटीपीसी की मनमानी और पारदर्शिता की कमी ने क्षेत्र में असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है, जिसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।
(रिपोर्ट: प्रदीप मिश्रा, पीपुल्स मीडिया समूह)

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