पुंछ, जम्मू-कश्मीर (पब्लिक फोरम)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ का दौरा किया, जहां उन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से मुलाकात की। इस संवेदनशील दौरे के दौरान राहुल गांधी ने पीड़ितों का दुख-दर्द साझा किया और उन्हें सांत्वना दी। यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दुर्भाग्यपूर्ण आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का उनका दूसरा दौरा है, जो इस क्षेत्र की सुरक्षा और मानवीय स्थिति के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता को दर्शाता है।
दर्द और उम्मीद के बीच पुंछ में राहुल का मानवीय स्पर्श
पुंछ जिले को पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 20 से अधिक निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। राहुल गांधी के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य इन्हीं प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा होना और उनकी व्यथा सुनना था। सुबह करीब नौ बजे जम्मू पहुंचने के बाद, राहुल गांधी सीधे हेलीकॉप्टर से पुंछ के लिए रवाना हुए। उनके साथ पार्टी के कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला और युवा नेता नीरज कुंदन भी मौजूद थे।

पुंछ में राहुल गांधी ने लगभग तीन घंटे का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने न केवल उन परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की जिन्होंने अपने सदस्य खो दिए, बल्कि गोलीबारी से प्रभावित अन्य लोगों की भी समस्याएं सुनीं। इन मुलाकातों में मानवीय संवेदना का एक गहरा भाव देखने को मिला, जहां राहुल गांधी ने पीड़ितों के साथ उनकी भावनाओं को समझा और उन्हें ढांढस बंधाया।
रणनीतिक बैठक और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा
राहुल गांधी के दौरे के मद्देनजर, पार्टी के सांसद और जम्मू-कश्मीर प्रभारी डॉ. सैयद नसीर अहमद और प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद करा पहले ही पुंछ पहुंच चुके थे। उन्होंने राहुल गांधी के आगमन से पूर्व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी की। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी को पुंछ और सीमावर्ती इलाकों की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में सीमांत इलाकों में बंकरों के निर्माण और मौजूदा बंकरों की मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों के लिए एक व्यापक पैकेज की मांग पर भी चर्चा हुई। यह दर्शाता है कि राहुल गांधी का यह दौरा केवल मानवीय संवेदना तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें जमीनी स्तर पर समाधान खोजने और प्रभावितों के लिए ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता भी शामिल थी।
एक संवेदनशील नेता का दूसरा महत्वपूर्ण दौरा
पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद 25 अप्रैल को श्रीनगर का दौरा करने के बाद, यह राहुल गांधी का जम्मू-कश्मीर का दूसरा दौरा है। यह उनकी इस क्षेत्र के प्रति निरंतर चिंता और वहां के लोगों के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। उनकी यह यात्रा न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक भावनात्मक सहारा भी है, जो आए दिन बाहरी हमलों के डर में जीते हैं।
राहुल गांधी शनिवार शाम को ही दिल्ली लौट गए।
हालांकि, उनका यह एक दिवसीय दौरा पुंछ के लोगों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ गया है, जिन्होंने एक राष्ट्रीय नेता को अपने बीच पाकर कुछ उम्मीद और सांत्वना महसूस की। यह दौरा, यह भी दर्शाता है कि कैसे एक नेता संकट के समय में अपने लोगों के साथ खड़ा होकर, न केवल उनके दर्द को साझा करता है बल्कि उनके लिए समाधान की दिशा में भी प्रयासरत रहता है।
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