अलीगढ़ (पब्लिक फोरम)। कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी ने अलीगढ़ में हाथरस हादसे से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनके दुख में साझेदारी निभाई। इस मानवीय पहल ने स्थानीय लोगों के दिलों को छू लिया।
पिलखना गांव में, राहुल ने सबसे पहले मंजू देवी के परिजनों से मुलाकात की, जिन्होंने हादसे में अपने पति छोटे लाल और बेटे को खो दिया था। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा, “आप अब हमारे परिवार का हिस्सा हैं। टेंशन मत लीजिए, हम आपके साथ हैं।”
मंजू देवी की बेटी ने चिकित्सा सुविधाओं में कमी का मुद्दा उठाया, जिस पर राहुल ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी के कार्यकर्ता आपकी हर संभव मदद करेंगे।”
राहुल ने इसी गांव में शांति देवी और प्रेमवती के परिवारों से भी मुलाकात की, जो इस त्रासदी से प्रभावित हुए थे। उनके इस कदम ने यह संदेश दिया कि “जनता की पीड़ा में साझेदार बनना ही सच्ची राजनीति है।”
हाथरस हादसे की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम घोषित किया गया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 3 जुलाई को हाथरस का दौरा किया था। न्यायिक आयोग की पहली बैठक भी हो चुकी है, जिसमें जल्द ही हाथरस जाकर सबूत इकट्ठा करने की बात कही गई है।
राहुल का यह दौरा दर्शाता है कि “राजनीति में भी मानवता पहले” का सिद्धांत अपनाया जा सकता है। उनके इस कदम ने यह साबित किया कि “जनता के दुख में शामिल होना ही सच्चे जननेता का धर्म है।”
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