नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान जान से मारने की धमकी मिलने के बाद भारतीय राजनीति में हड़कंप मच गया है। पार्टी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने इसे एक सोची-समझी और भयावह साजिश का हिस्सा बताते हुए राहुल गांधी की सुरक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद एक मलयालम टीवी चैनल पर लद्दाख हिंसा के मुद्दे पर हो रही बहस के दौरान सामने आया। बहस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व नेता प्रिंटू महादेव ने कथित तौर पर कहा कि “राहुल गांधी को सीने में गोली मार दी जाएगी।” इस बयान के सार्वजनिक होते ही कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।
कांग्रेस ने गृह मंत्री को पत्र में क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक कड़े पत्र में इस घटना पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है। पत्र में वेणुगोपाल ने कहा, “हिंसा भड़काने के एक बेशर्म कृत्य में, महादेव ने खुलेआम घोषणा की कि ‘राहुल गांधी को सीने में गोली मार दी जाएगी’। यह न तो जुबान फिसलना है, न ही लापरवाही से कही गई बात है। यह लोकसभा में विपक्ष के नेता को सोच-समझ कर दी गई और मौत की खौफनाक धमकी है।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अगर इस मामले में सरकार त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो इसे विपक्ष के नेता के खिलाफ हिंसा को वैध बनाने और सामान्य करने में मिलीभगत माना जाएगा। पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सत्तारूढ़ दल के एक आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा इस तरह की धमकी न केवल राहुल गांधी के जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि संविधान और कानून के शासन को भी कमजोर करती है।
सुरक्षा को लेकर पहले भी जताई जा चुकी है चिंता
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। उस पत्र में दिल्ली की एक मुख्यमंत्री पर हुए हमले का हवाला देते हुए कहा गया था कि जनप्रतिनिधि, जो जनता से सीधा संवाद करते हैं, उनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस ने यह भी याद दिलाया है कि गांधी परिवार के दो सदस्य – इंदिरा गांधी और राजीव गांधी – आतंकी हिंसा का शिकार हो चुके हैं, जिसमें सुरक्षा में चूक एक बड़ा कारण थी।
विपक्ष का आरोप: नफरत का माहौल बनाया जा रहा
कांग्रेस का आरोप है कि यह धमकी जानबूझकर फैलाए जा रहे नफरत के माहौल का प्रतीक है। पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि यह सिर्फ एक बार की धमकी नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश है। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए कि राहुल गांधी की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मीडिया में कैसे लीक हो गई।
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्य रमेश चेन्नीथला ने केरल पुलिस से भी आग्रह किया है कि वह प्रिंटू महादेव के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करे। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल पुलिस की निष्क्रियता बीजेपी और राज्य की सीपीआई(एम) सरकार के बीच मिलीभगत को दर्शाती है।
इस घटना ने देश में राजनीतिक बहस के गिरते स्तर और नेताओं की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। अब सभी की निगाहें गृह मंत्रालय के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करता है।
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