रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के आयोजक संगठन छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, सर्व आदिवासी समाज, एकता परिषद्, जिला किसान संघ-राजनादगांव, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्त्ता समिति), जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन, छत्तीसगढ़ वनाधिकार मंच, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति (कोरबा, सरगुजा), माटी (कांकेर), अखिल भारतीय किसान सभा (छत्तीसगढ़ राज्य समिति), जन मुक्ति मोर्चा, भारत जन आन्दोलन, छत्तीसगढ़ किसान महासभा, बस्तर जन संघर्ष समिति ,किसान संघर्ष समिति कुरूद, दलित आदिवासी मंच (सोनाखान), आदिवासी जन वन अधिकार मंच (कांकेर), नगरीय कामगार निकाय सफाई कामगार यूनियन, मेहनतकश आवास अधिकार संघ (रायपुर), जशपुर जिला संघर्ष समिति, राष्ट्रीय आदिवासी विकास परिषद् (छत्तीसगढ़ ईकाई-रायपुर), जशपुर विकास समिति, रिछारिया कैम्पेन संगठनों के आयोजन समिति के राज्य स्तरीय पदाधिकारी श्री मनीष कुंजाम, बी एस रावटे, सुदेश टेकाम, बेला भाटिया, रमेश शर्मा, विजय भाई, संजय पराते, सरजू टेकाम, ब्रिजेंद्र तिवारी, शालिनी गेरा, रमाकांत बंजारे, कलादास डहरिया, आलोक शुक्ला संयुक्त रूप से जारी अपने बयान में छत्तीसगढ़ के आम आवाम को आमंत्रित करते हुए कहा है कि जैसा कि आप जानते हैं, देश में मोदी सरकार के नेतृत्व में हिंदुत्ववादी-फासीवादी ताकतों के पैरों तले लोकतंत्र और संविधान को कुचला जा रहा है।
किसानों, मजदूरों, महिलाओं, छात्र-युवाओं तथा सभी मेहनतकश अवाम के अधिकारों का दमन करके सांप्रदायिक, बहुसंख्यवाद और परजीवी पूंजीवादी नीतियों को बेशर्मी के साथ देश पर थोपा जा रहा है l कई दशकों के संघर्षो से उपजे जन अधिकार के कानूनों- पेसा कानून, वनाधिकार कानून, सामाजिक सुरक्षा कानून, पर्यावरण संरक्षण कानून आदि को भयानक पूंजीवादी लूट को सुगम बनाने विभागीय आदेशों के जरिये कमजोर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी मूलभूत अधिकारों व सेवाओं की बदहाली बदस्तूर जारी हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है, और रोजगार के अभाव में गरीब परिवार पलायन कर रहे हैं।
ऐसे हालात में उपरोक्त जटिल परिस्थितियों में प्रदेश के सभी जनवादी संगठनों, जनपक्षीय राजनैतिक ताकतों, और नागरिक अधिकारों के प्रति समर्पित समूहों का विचार विनिमय व साझी रणनीतिक समझ बनाना आवश्यक है। यह जन-अधिवेशन उसी प्रयास का हिस्सा है।
अतैव, जन-अधिवेशन में प्रदेश के हर क्षेत्र में कार्यरत जन संगठनों को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। देश में लोकतांत्रिक आन्दोलनों को समर्थन दे रहे प्रतिबद्ध ख्यातिप्राप्त व्यक्तित्व भी इस जन अधिवेशन में अपने विचार रखेंगे। जल्द ही कार्यक्रम सारणी तय कर साझा की जाएगी। कृपया अपने आगमन एवं रुकने के सम्बन्ध में सूचित करें, ताकि सुचारू व्यवस्था की जा सके।
छत्तीसगढ़ जनवादी संगठनों की ओर से आयोजन समिति ने आगे कहा है कि हम आम-अवाम को जनता के सवालों पर जन-अधिवेशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि, वंचित तबकों के हक़-अधिकारों के सवाल पर प्रदेश व केंद्र सरकार के रवैये पर सामाजिक आन्दोलन व संघर्ष समूह अपनी राय रख सकें।
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