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छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक और फासीवादी दमन के खिलाफ भिलाई में जन कन्वेंशन आयोजित

भिलाई (पब्लिक फोरम)। हिरोशिमा दिवस, 6 अगस्त 2024, के अवसर पर जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ द्वारा भिलाई के सेक्टर-6 में कम्युनिटी हॉल में एक जन कन्वेंशन आयोजित किया गया। इस कन्वेंशन का उद्देश्य इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी जनता के जनसंहार और छत्तीसगढ़ में बढ़ते सांप्रदायिक और फासीवादी दमन के खिलाफ आवाज उठाना था।

दो सत्रों में आयोजित हुआ कन्वेंशन

कन्वेंशन दो सत्रों में विभाजित था। प्रथम सत्र का विषय “इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी जनता का जनसंहार और प्रतिरोध” था। इस सत्र के मुख्य वक्ता कॉमरेड शंकर थे, जो एक प्रसिद्ध वामपंथी चिंतक, लेखक और फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए दक्षिण पूर्व एशिया के वामपंथी जनवादी संगठनों के समन्वय समिति के संयोजक हैं। सत्र की अध्यक्षता जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ के संयोजक प्रसाद राव ने की और संचालन तुहिन ने किया, जो क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के संयोजक हैं।

द्वितीय सत्र का विषय “छत्तीसगढ़ में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ता फासीवादी दमन और प्रतिरोध” था। इस सत्र में विषय प्रवेश कॉमरेड कलादास डहरिया ने किया, जो छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति और रेला सांस्कृतिक मंच के संयोजक हैं।

प्रमुख वक्ताओं की भागीदारी

इस सत्र में विशिष्ट वक्ताओं में कॉमरेड लखन सुबोध, एडवोकेट शाकिर कुरैशी, कॉमरेड सौरा, कॉमरेड जनक लाल ठाकुर, सविता बौद्ध “संकल्पि”, कॉमरेड नीरा, मंजू जी, तेजराम विद्रोही, श्री गिल, वजी अहमद, पुरुषोत्तम, विक्की, सितेश, मिथलेश, शरीक अली, बसंत साहू और एल के साहू शामिल थे। कॉमरेड आर एन यादव और कॉमरेड कलादास ने जन गीत प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन सज्जाद भाई ने किया।

हिरोशिमा दिवस पर श्रद्धांजलि और प्रस्ताव पारित

कन्वेंशन की शुरुआत हिरोशिमा, नागासाकी, गाज़ा सहित पूरे फिलिस्तीन और वायनाड केरल में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देकर की गई। कन्वेंशन के अंत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी जनता के जनसंहार को तुरंत बंद करने और भारत सरकार से इजराइल को दी जा रही मदद पर रोक लगाने की मांग की गई। साथ ही, छत्तीसगढ़ में गौरक्षा और धर्म परिवर्तन के नाम पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की गई।

छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक तनाव और दमन की स्थिति

जन आंदोलन से जुड़े वक्ताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले कई महीनों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है और अल्पसंख्यकों, विशेषकर ईसाइयों और मुस्लिम समुदाय के लोगों तथा दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है। धर्म परिवर्तन और गौ रक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा, अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों द्वारा राज्य के जल, जंगल, जमीन की लूट बढ़ रही है, जिससे आदिवासियों पर दमन तेज हो रहा है।

फासीवादी ताकतों का बढ़ता प्रभाव

प्रमुख वक्ता कॉमरेड शंकर ने कहा कि अमेरिका की शह पर इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों पर भयावह कत्लेआम किया जा रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि भारत, जो पहले फिलिस्तीन का समर्थन करता था, अब इजराइल का समर्थन कर रहा है। गाज़ा का संघर्ष अब पूरे विश्व को प्रभावित कर सकता है।

कन्वेंशन का संकल्प

कन्वेंशन में उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया कि वे फिलिस्तीन की जनता के साथ अपनी एकजुटता बनाए रखेंगे और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते फासीवादी और कॉरपोरेट दमन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

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