ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी, रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन
कोरबा (पब्लिक फोरम)। खदान प्रभावित ग्राम पंचायत अमगांव को विलोपित करने के फैसले के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है। नाराज ग्रामीणों ने रैली निकालकर तहसील का घेराव किया और तहसीलदार हरदीबाजार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
ग्रामीण सरपंच सरस्वती कंवर, दुर्गा कंवर, अनीता यादव, जानकी बाई, माधुरी, रमिला कंवर सहित सैकड़ों लोगों ने अपने ज्ञापन में कलेक्टर द्वारा जारी ग्राम पंचायत अमगांव के विलोपित आदेश को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एसईसीएल गेवरा-दीपका द्वारा खदान विस्तार के लिए अमगांव को अधिग्रहित किया गया है। यहां की सभी भूमि, मकान, पेड़-पौधे और अन्य परिसंपत्तियों को खनन क्षेत्र के लिए ले लिया गया है।
एसईसीएल ने प्रभावित ग्रामीणों को नेहरू नगर बतारी में बसाहट के लिए भूमि आवंटित की है, जिससे ग्रामीण मजबूरी में वहां बसने लगे हैं। इसी के चलते प्रशासन ने ग्राम पंचायत अमगांव को आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से विलोपित करने का आदेश दिया है।

विलोपन पर ग्रामीणों का रोष
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि अमगांव को यथावत ग्राम पंचायत के रूप में बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि विलोपन के आदेश से उनकी सामाजिक और राजनीतिक पहचान समाप्त हो जाएगी। यह निर्णय उनके अधिकारों और भविष्य पर कुठाराघात है।
चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अमगांव को विलोपित करने का आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करना अन्यायपूर्ण है और वे इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
इस विरोध ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ग्रामीणों के आक्रोश से यह साफ हो गया है कि यदि उनकी मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।

ग्राम पंचायत अमगांव के विलोपन का मामला स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच टकराव की स्थिति बना रहा है। यह समय की जरूरत है कि प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जल्द समाधान निकाले।
Recent Comments