कोरबा (पब्लिक फोरम)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के बैंक खातों को फ्रीज करने तथा 1,822 करोड़ रुपये के आयकर नोटिस के विरोध में आज जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा के नेतृत्व में टी.पी. नगर चौक से सी.एस.ई.बी. चौक तक मशाल जुलूस के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 30 वर्ष पुराने निराधार मामले का बहाना बनाकर चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को जब्त करना और आयकर नोटिस भेजना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। केंद्र सरकार धन, बल और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने और लोकतंत्र को समाप्त करने की मंशा रखती है।

कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग द्वारा 1,823.08 करोड़ रुपये जमा करने के नोटिस को नगर पालिका निगम कोरबा के राजकिशोर प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह देश में लोकसभा चुनाव के समय प्रमुख विपक्षी दल को निर्धन बनाने की भाजपा की केंद्र सरकार की साजिश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पता चल चुका है कि उनके खिलाफ देश में माहौल बन रहा है। उनके कार्यकाल की समाप्ति नजदीक है, इसलिए विपक्ष को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आयकर विभाग को आगे किया गया है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने कहा है कि मोदी सरकार लोकतंत्र विरोधी षडयंत्र रचकर विपक्षी दलों के सीमित संसाधनों को भी छीनने का प्रयास कर रही है। पिछली कांग्रेस सरकारों ने 70 वर्षों से निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ लोकतंत्र की छवि बनाई थी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व उसके विरुद्ध काम कर रहे हैं। भाजपा ने विपक्षी दलों से संसाधन छीनकर एकाधिकार स्थापित करने की साजिश रची है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार पर लोकतंत्र विरोधी षडयंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिनायकवादी मोदी सरकार ने पहले कांग्रेस की चुनी हुई सरकारों को गिराया, डर और लालच से नेताओं की खरीद-फरोख्त की, और जो नेता नहीं झुके, उनके ऊपर ईडी, आईटी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों से दबाव बनाया। अब जब देश में आम चुनाव हो रहे हैं और आचार संहिता लागू है, तो कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए आयकर विभाग का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सभापति श्यामसुंदर सोनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस चुनावी बॉन्ड स्कैम को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है, उसमें मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की बदनीयती उजागर हुई है। जो तथ्य सामने आये हैं, वे बेहद चिंताजनक और शर्मनाक हैं। देश की जांच एजेंसियों ईडी, आईटी को हफ्ता वसूली गैंग के रूप में संचालित करना, ब्लैकमेलिंग और रिश्वतखोरी के स्पष्ट प्रमाण के बावजूद साजिश करके मुख्य विपक्षी दल का बैंक खाता फ्रीज करना निंदनीय है।
इस अवसर पर सुरेश सहगल, बी.एन. सिंह, उषा तिवारी, दुष्यंत शर्मा, संतोष राठौर, सनीष कुमार, राकेश पंकज, रूपा मिश्रा, द्रोपदी तिवारी, बसंत चन्द्रा, बृजभूषण प्रसाद, लखन लाल सहिस, मुकेश राठौर, प्रदीप पुरायणे, एफ.डी. मानिकपुरी, गीता गभेल, सीताराम चौहान, शशी अग्रवाल, नारायण लाल कुर्रे, आरिफ खान, कुंजबिहारी साहू, लक्ष्मण लहरे, अश्वनी कश्यप, संतोष यादव, अशोक नारंगे, के.एल. मिश्रा, विवेक श्रीवास, कमलेश गर्ग, राकेश देवांगन, पवन विश्वकर्मा, अंकित श्रीवास्तव, राजेश यादव, निशांत सिंह, निकेतन, संभावी डहरिया आदि सहित अनेक कांग्रेस नेता उपस्थित थे।






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