दुर्ग (पब्लिक फोरम)। विभिन्न राजनीतिक दलों एवं जनसंगठनों जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, आम आदमी पार्टी, छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), युवा संगठन ऑल इंडिया युथ फेडरेशन (एआईयुएफ), मजदूर संगठन एसोसिएशन ऑफ ट्रेड यूनियन (एटक) और एक्शन कमिटी ट्रेड यूनियन (ऐक्टू) के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 17 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पीडिया गांव में पुलिस द्वारा नक्सलवादियों के नाम पर 10 आदिवासी ग्रामीणों की हत्या के विरोध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर, दुर्ग को सौंपा गया।
प्रतिनिधिमंडल में विनोद कुमार सोनी, बृजेन्द्र तिवारी, जगन्नाथ त्रिवेदी, डॉ. एस.के. अग्रवाल, किशन यादव, आर.पी. चौधरी, धीरेन्द्र सिंह, शमीम कुरैशी, आदित्य, अमल कृष्ण, मेहरबान सिंह, जसप्रीत सिंह, रमेश दास और सुंदर लाल जैसे पदाधिकारी शामिल थे।
ज्ञापन में मांग की गई है कि बीजापुर जिले के पीडिया गांव में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलवादियों के नाम पर 10 आदिवासी ग्रामीणों की हत्या की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि 12 नक्सलवादियों को मार गिराया गया है, जबकि ग्रामीणों ने कहा है कि 10 लोग नक्सलवादी नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी ग्रामीण थे जो तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गए थे। मृतकों में एक नाबालिग भी शामिल है।
बयान में इस घटना की निंदा की गई है और इसे दर्दनाक एवं दिल दहलाने वाला बताया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि नक्सलवादियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या और गिरफ्तारी पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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