रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर पुलिस दमन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोंटा में पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाना, कांकेर में थाने के अंदर वरिष्ठ पत्रकार के साथ हाथापाई, और बालोद, अंबिकापुर, रायपुर सहित कई स्थानों पर पुलिस द्वारा गलत एफआईआर के जरिए पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया है। अब इस सूची में दुर्ग जिले का नाम भी जुड़ गया है, जहाँ वरिष्ठ पत्रकार राकेश तम्बोली पर एक प्राइवेट अस्पताल के दबाव में एफआईआर दर्ज की गई है।
दुर्ग जिले के वरिष्ठ पत्रकार राकेश तम्बोली ने एक निजी अस्पताल के नियमों के विरुद्ध कार्य करने की खबर प्रकाशित की थी और इसकी शिकायत दुर्ग कलेक्टर को भेजी थी। पिछले पाँच महीनों से इस अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, न ही किसी तरह की जांच की गई। उल्टा, पत्रकार पर दबाव बनाया गया, और उसकी नहीं मानने पर उस पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से एफआईआर दर्ज कर दी गई।
इस पुलिसिया दमन और पत्रकार पर हुए अन्याय के खिलाफ अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति ने दुर्ग में एक दिवसीय धरना आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस धरने में प्रदेश भर के पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकार हिस्सा लेंगे। अन्य संगठनों से भी अनुरोध किया गया है कि वे पत्रकारों के हित में इस आंदोलन को अपना समर्थन दें और अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।
इस आंदोलन का उद्देश्य पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पुलिस दमन के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करना है। जब तक पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से अपना कार्य करने का अवसर नहीं मिलेगा, तब तक लोकतंत्र को भी आघात पहुंचता रहेगा।
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