कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला कांग्रेस के नेता विकास सिंह पर पुलिसिया कार्रवाई का कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कड़े शब्दों में विरोध किया है। नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल और शहर अध्यक्ष सपना चौहान ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस का ध्यान जिले में सिर्फ़ डीजल, कोयला कबाड़ जैसे अवैध कार्यों पर ही केंद्रित रहता है। जबकि जिले की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। कांग्रेसियों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। पुलिस, विरोधी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव में फायदा पहुंचाने की गतिविधियों में व्यस्त है।
पदस्थापना के बाद से ही एसपी कर रहे कांग्रेस विरोधी कार्य
कांग्रेस के इन नेताओं ने कहा है कि वर्तमान में जिले के पुलिस अधीक्षक कांग्रेस विरोधी कार्य कर रहे हैं। वह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर षड्यंत्र रचकर झूठी कार्रवाई कर रहे हैं। ताकि कांग्रेस को जिले में कमजोर किया जा सके। पुलिस ने एक तरह से अपना एजेंडा बना लिया है कि जिले में किस तरह से विपक्षियों को मजबूत करना है।
हाल ही में विकास सिंह को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सचिव बनाया है। ऐसे नेता जिन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी तवज्जो दे रही है। उनके खिलाफ पुलिस षड्यंत्र रचकर कार्रवाई कर रही है। विकास सिंह पर एक फर्जी मामला दर्ज किया गया है। जिसका तथ्यों से कोई लेना देना नहीं है। वर्ष 2012 में एक महिला ने विकास सिंह पर 376 का मामला दर्ज कराया था। बाद में जब यह मामला कोर्ट तक पहुंचा। तब इस महिला को ही जज ने झूठा मामला दर्ज करने का दोषी पाते हुए 2 वर्ष के कारावास की सजा दी थी। अब यह बड़ा सवाल उठता है कि जिस महिला को कोर्ट ने ही झूठा साबित कर, दो वर्ष की सजा दी थी। इस महिला की शिकायत को 8 साल बाद फिर से पुलिस ने संज्ञान में क्यों लिया?
महिला ने अपने पति के अपहरण करने और धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर 2020 में मामला दर्ज किया और इसी मामले को आधार बनाकर विकास सिंह को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। 2020 में जब उदय किरण जिले में एडिशनल एसपी थे। तब भी विकास सिंह को प्रताड़ित किया गया। फिर कुछ दिनों के लिए यह मामला शांत रहा। अब जब वह फिर से जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। विकास सिंह को इसी मामले में पुन: फंसाया जा रहा है। एक महिला की झूठी शिकायत पर विकास सिंह पर एट्रोसिटी और न जाने क्या-क्या फर्जी मामले दर्ज कर लिए गए हैं।
इसी तरह से कांग्रेस के पार्षद अमरजीत सिंह को भी पुलिस ने प्रताड़ित किया। उन्हें भी मारपीट के एक झूठे मामले में फंसा दिया गया है। जबकि जब यह तथाकथित मारपीट हुई। तब वह मेंबर इन काउंसिल की बैठक में कोरबा में मौजूद थे। मारपीट कुसमुंडा खदान में हुई थी। इस मारपीट की घटना में उनका नाम जोड़कर उन्हें आरोपी बना दिया गया। पुलिस इस तरह के झूठे प्रकरण दर्ज कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है जो कि बेहद खेदजनक है।
जिला कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि विकास सिंह के खिलाफ़ यह फर्जी मामला दीपका थाने में दर्ज किया गया है। हाल ही में बेहद गोपनीय तरीके से दीपका थानेदार तेज प्रकाश यादव को लाइन अटैच किया गया। विकास सिंह पर फर्जी मामला दर्ज करने, थाना प्रभारी पर दबाव बनाया गया। लेकिन इस मामले में तटस्थ रहे टीआई को लाइन अटैच होकर इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
यह तो एक बानगी है। कोरबा जिले में यह बेहद सामान्य बात हो चुकी है। जिले के थाने दार, थाने का प्रभार नहीं लेना चाहते। मन में डर होता है, कि कब किसके खिलाफ कोई फर्जी प्रकरण दर्ज करने को कह दिया जाए। जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। कांग्रेसी नेताओं ने जिले में पदस्थ टीआई सनत सोनवानी पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि सनत सोनवानी जिले के गैर जिला बल में पदस्थ हैं। लेकिन फर्जी मामले में कोई कार्रवाई करने अभी भी उनका उपयोग किया जाता है। विकास सिंह पर की गई दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई के दौरान भी सोनवानी ने टीम को लीड किया था। जिले में नियम-कानून को ताक पर रखकर पुलिस फर्जी कार्रवाई कर रही है। नियमों का दुरुपयोग कर, अपात्र पुलिस कर्मियों को भी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है।
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