कांकेर (पब्लिक फोरम)। दीपावली पर्व के पूर्व नगर पालिका कांकेर के प्लेसमेंट कर्मचारियों ने अपने वार्षिक बोनस भुगतान की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। गुरुवार को कर्मचारियों ने जिला श्रम पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों को कंपनी द्वारा श्रम कानून के तहत निर्धारित वार्षिक बोनस का भुगतान किया जाए।
नगरीय निकाय कर्मचारी यूनियन के राज्य अध्यक्ष द्वारका कोसरिया और महासचिव भाव सिंह कश्यप ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि “बोनस भुगतान अधिनियम” के तहत सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों को बोनस देना नियोक्ता की कानूनी जिम्मेदारी है, लेकिन इस नियम का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों के पालन की जवाबदारी जिला श्रम पदाधिकारी की है और यदि कोई कंपनी बोनस देने से इंकार करती है, तो श्रम विभाग को तत्काल हस्तक्षेप कर कर्मचारियों को न्याय दिलाना चाहिए।
नेताओं ने स्पष्ट कहा कि “यदि किसी वर्ष कर्मचारियों को बोनस नहीं मिला है, तो यह उनके अधिकारों का हनन है।” उन्होंने बताया कि बोनस भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी के साथ-साथ प्रधान नियोक्ता नगर पालिका की भी है। यूनियन नेताओं ने श्रम पदाधिकारी से सवाल किया कि यदि बोनस कर्मचारियों का अधिकार नहीं है, तो इस बारे में विभाग लिखित रूप से स्पष्टीकरण दे।
उन्होंने नगर पालिका द्वारा दिए जा रहे इस तर्क को भी सिरे से खारिज किया कि “पहले कभी बोनस नहीं दिया गया, इसलिए अब भी नहीं दिया जाएगा।” यूनियन का कहना है कि यह तर्क कानून के अनुरूप नहीं है, क्योंकि सवाल यह है कि क्या प्लेसमेंट कर्मचारी बोनस पाने के पात्र हैं या नहीं। यदि वे पात्र हैं, तो उन्हें बोनस देना अनिवार्य है।
नेताओं ने यह भी कहा कि श्रम पदाधिकारी ने चर्चा के दौरान भरोसा दिलाया है कि ज्ञापन में उल्लिखित बिंदुओं पर उचित कार्रवाई की जाएगी। यूनियन ने उम्मीद जताई है कि दीपावली से पहले कर्मचारियों को उनका न्यायोचित बोनस प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ राहत मिल सकेगी।
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